गौ - चिकित्सा

आखिर कौन सा दूध जहर है कौन सा अमृत

कौन सा दूध

आखिर कौन सा दूध जहर है कौन सा अमृत । आज दूध1 प्रत्येक परिवार की जरुरत है दूध2 हमेशा रात को ही पीना चाहिए महर्षि बांगभट्ट जी के अष्टांगहृद् यम ग्रन्थ के हिसाब से दूध को पचाने वाले एंजाइम केवल रात को चन्द्रमा की शीतलता में ही पैदा होते है ।माताये अपने नन्हे मुन्हे बच्चों को सुबह सुबह जबर दस्ती दूध पिलाकर स्कुल भेजती है यह गलत है कई बच्चे तो उलटी भी कर देते है इसलिए बच्चों को को दूध रात को ही देना चहिये तभी संपूर्ण आहार होगा ।

गोपूजन की परम्परा के पीछे प्राणविज्ञान का रहस्य है ।

गोपूजन की परम्परा के पीछे प्राणविज्ञान का रहस्य है ।

गोपूजन की परम्परा के पीछे प्राणविज्ञान का रहस्य है । कहा जाता है कि गाय में तैंतीस करोड देवी-देवता वास करते हैं । सामान्यत: हम देवता का अर्थ ईश्वर के रूपों अथवा अवतारों से लेते हैं किन्तु शास्त्र कुछ और ही बताते हैं । प्रकृति की शक्तियों को देवता कहा जाता है । हमारे अध्यवसायी ॠषियों ने सृष्टि में प्रवाहित जीवनदायी शक्तियों को सम्पूर्णता के साथ जाना । इस शक्ति को ही प्राण कहा जाता है । मूलत: सूर्य से प्राप्त यह महाप्राण सारी सृष्टि में विविधता से प्रवाहित होता है । उसके प्रवाह की गति, दिशा, लय व आवर्तन के भेदों का ॠषियों ने बडी सूक्ष्मता से अध्ययन किया । और इस आधार पर उन्होंने पाया कि ३३ कोट

भूदेवता एव गोरूपं धृत्वा स्वस्याः

भूदेवता एव गोरूपं धृत्वा स्वस्याः

भूदेवता एव गोरूपं धृत्वा स्वस्याः भारं निवर्तयितुं प्रार्थितवती खलु परीक्षिन्महाराजम्।यथा भूः पूज्या तथा गौरपि। गव एव धनमिति सत्यम्।धनस्य स्थाने पूर्वं भारते गोविनिमयः आसीत्।गां न रक्षामश्चेत् उपद्रवास्सम्भवन्त्येव। गोः अवमानेन दिलीपो नाम राजा कामधेनुना शप्त असीत्।सः वसिष्ठमहर्षेः उपदेशेन गोपूजां गोसेवां प्रतिदिनं वने उषित्वा पत्न्या सह कृतवान्।दिलीपः न सामान्यः। सः चक्रवर्ती। तथापि गोरवमानेन अतिकष्टमनुभूतवान्। गवि सर्वाः देवतास्सन्ति। गोधनमेव अपहृतं दुर्योधनेन। तत्फलितमप्यनुभूतवान्। अस्माकं देशोऽपि गोशापेनैव कष्टान् अनुभवति।सर्वदा सर्वधा गौः

गाय को खुश रखने का स्मार्ट तरीका

एस्गर क्रिसटेंसन ने जब पशुपालन शुरू किया था तो डेनमार्क में 40 हजार पशुपालक थे. आज उनकी संख्या महज 3000 रह गई है.

दुनियाभर में डेयरी उद्योग को हाल के वर्षों में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

रिटेल क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के आने से कई देशों में दूध के थोक भाव में कमी आई है और छोटे उत्पादकों के लिए रोजी रोटी का जुगाड़ करना भारी पड़ रहा है. अमरीका में दुग्ध उत्पादों की बिक्री में कमी से भी इंडस्ट्री प्रभावित हुई है.

इसकी मदद से आप देख सकते हैं कि गाय कितनी देर बैठी रहती है, कितने घंटे सोती है, कितनी देर भटकती है और वो कैसा महसूस कर रही है

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