बांध का पानी घुसा पथमेड़ा गोशाला में, 536 गोवंश की मौत

बांध का पानी घुसा पथमेड़ा गोशाला में, 536 गोवंश की मौत

पांचला बांध टूटने के कारण उपजे बाढ़ के हालात ने जहां क्षेत्र में खासा नुकसान किया है। वहीं इसका पानी पथमेड़ा गोशाला की विभिन्न शाखाओं में घुसने से बड़ी तादाद में गोवंश की मौत हुई है। गोवंश की मौत का आंकड़ा बढ़कर अब 536 तक पहुंच चुका है। गौरतलब है कि गत दिनों अतिवृष्टि के कारण पांचला बांध टूट गया था। इसका पानी पथमेड़ा गोशाला की 18 शाखाओं में घुस गया। वहीं इस दौरान अतिवृष्टि के हालात भी बने रहे। ऐसे में गोशाला के करीब 536 गोवंश की मौत हो गई। गोशाला प्रबंधन के अनुसार पांचला बांध टूटने से गोधाम पथमेड़ा व इससे संबंधित गोशालाओंं में तेज वेग से पानी का बहाव हुआ। पानी का बहाव इतना तेज था कि वह गोवंश को अपने साथ बहाकर ले गया।

पानी में बह गए बाड़े व शेड

 गोशाला में तेज वेग से पानी बहने के कारण इसमें बने बाड़े व शेड के साथ ही कई पेड़ पौधे भी गिर गए। गोशाला में पानी भरने से स्थिति विकट बनी हुई है। वहीं अब भी सैकड़ों गोवंश बीमार है। हालांकि गोशाला प्रबंधन के साथ ही गोसेवकों की ओर से गायों को बचाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है।यहां कार्यरत ग्वाले, प्रबंधन के लोग व संन्यासी खुद पानी से गोवंश को निकालकर उनकी सेवा में लगे हुए है।

सांसद व विधायक ने लिया जायजा

बांध का पानी गोशाला में बहने से गोवंश की मौत के साथ ही यहां के हालात काफी बदतर हो गए हैं। ऐसे में सांसद देवजी पटेल व सांचौर विधायक सुखराम बिश्नोई ने गोशाला का दौरा कर हालातों का जायजा लिया। हालांकि अब तक गोशाला में गायों के बचाव व उनके उपचार को लेकर पर्याप्त सुविधाएं मुहैया नहीं हो पाई है।

चिकित्सा टीम पहुंची, लेकिन राहत नाकाफी

गायों की मौत के दो दिन बाद बुधवार को गोशाला में पशु चिकित्सकों की टीम बीमार गोवंश के उपचार के लिए पहुंची है। लेकिन यहां गोवंश की संख्या को देखते हुए यह राहत नाकाफी साबित हो रही है। गोशाला की 18 शाखाओं में करीब ३७ हजार गोवंश है। जिसमें से 536 गोवंश की मौत हुई है। जबकि 3315 गोवंश मरणासन्न स्थिति में है। वहीं तीन हजार गोवंश बीमार है। गोसेवकों की मानें तो यह टीम गोवंश के उपचार के लिए नाकाफी साबित हो रही है। चारा कम, दवाई की उपलब्धता नही गोपाल गोवर्धन गोशाला पथमेड़ा, महावीर हनुमान गोशालाश्रम गोलासन, मनोरमा गोलोक तीर्थ नंदगांव और धन्वंतरी गोसेवाश्रम में सामान्य दवाई बहुत ही कम मात्रा में उपलब्ध है। शेष अन्य गोशालाओं में दवाई और पोष्टिक आहार खत्म हो चुका है। ऐसे में बारिश के बाद अब यहां पर गोवंश की सेवा करना काफी मुश्किल हो सकता है। इन गोशालाओंं में गोवंश की संख्या को देखते हुए चारे की उपलब्ध बहुत कम है।

कहां कितनी गायों की मौत

पथमेड़ा गोशाला प्रबंधन के मुताबिक गोपाल गोवर्धन गोशाला में 20, महावीर हनुमान गोशालाश्रम गोलासन की नंदीशाला में 165, भारतमाता गोसेवाश्रम व दत्तात्रेय गोसेवाश्रम में पांच-पांच, मनोरमा गोलोक तीर्थ में 132, धन्वंतरि गोसेवाश्रम में 73, भृगुऋषि गोसेवा श्रम में चार, मुरलीधर गोसेवाश्रम में 15, धेनुकेश्वर गोसेवाश्रम में 10, सनातन गोसेवाश्रम पथमेड़ा में 11, सुरभिगोसेवाश्रम में 3, कामधेनु गोसेवाश्रम में 2, खेतेश्वर गोशालाश्रम खिरोड़ी में 4, ठाकुर गोशालाश्रम पालड़ी में 48, लक्ष्मीनारायण गोशालाश्रम प्रतापपुरा में 7, राजऋषि दिलीप गोशालाश्रम विरोल में 15, गोकुल गोशालाश्रम हिंडवाड़ा में 10 व गुरु दत्तात्रेय गोशालाश्रम धानोल 7 गोवंश की मौत हुई है।

सेवा में जुटे गोसेवक

पथमेड़ा में अतिवृष्टि के बाद गोशाला में बिगड़ी व्यवस्थाओं को संभालने के लिए गोशाला प्रबंधन, वहां के कार्मिकों समेत जिले से अन्य गोसेवक भी गोशाला पहुंचे। यहां पहुंचे गोसेवकों ने गायोंं की सेवा शुरू की। गायों को कीचड़ से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है।