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चारों वेदों में गोमाता का सन्दर्भ 1331 बार आया है. ऋग्वेद में 723 बार, यजुर्वेद में 87 बार, सामवेद में 170 बार और अथर्ववेद में 331 बार, गाय का विषय आया है. इन वेद मत्रों में गोमाता की महत्ता, उपयोगिता, वात्सल्य, करूणा और गोरक्षा के उपाय तथा गो से प्राप्त पंचगव्य पदार्थो के उपयोग और लाभ का वर्णन है.वेदों में गाय के लिए गो, धेनु और अघ्न्या ये तीन शब्द आये हैं. वेदों को समझने के लिये छः वेदांग शास्त्रों में से एक निरुक्त शास्त्र है. इसमें वैदिक शब्दों के अर्थो को खोलकर बताया गया है जिसे निर्वचन कहते हैं. ‘हन हिंसायाम् ’ धातु से हनति, हान आदि शब्द बनते हैं जिसका अर्थ हिंसा करना मारना है.

सभी प्रकार के रोगों की दवा दूध दूध पुराने समय से ही मनुष्य को बहुत पसन्द है। दूध को धरती का अमृत कहा गया है। दूध में विटामिन `सी´ को छोड़कर शरीर के लिए सभी पोषक तत्त्व यानि विटामिन हैं। इसलिए दूध को पूर्ण भोजन माना गया है। सभी दूधों में माता के दूध को श्रेष्ठ माना जाता है, दूसरे क्रम में गाय का दूध है। बीमार लोगों के लिए गाय का दूध श्रेष्ठ है। गैस तथा मन्दपाचनशक्ति वालों को सोंठ, इलायची, पीपर, पीपरामूल जैसे पाचक मसाले डालकर उबला हुआ दूध पीना चाहिए। दूध को ज्यादा देर तक उबालने से उसके पोषक तत्व कम हो जाते हैं और दूध गाढ़ा हो जाता है। दूध को उबालकर उससे मलाई निकाली जाती है। मलाई गरिष्ठ, शीतल (ठ

गौशाला शुरू करने पर सरकार देगी अनुदान

प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की मंशा के अनुसार प्रशासन गौ संरक्षण के कार्य में जुटा है। शासन से दिशा निर्देश मिलने के बाद आवारा पशुओं को संरक्षण दिलाने की मुहिम शुरू हो गई है। अवैध कटान को रोकने के लिए शासन ने बड़े स्तर पर जनपद में गौशाला खोलने की हिदायत दी है। इसके बाद पशुपालन विभाग लोगों को गौशाला खोलने के लिए प्रेरित करने में लगा है। विभाग के मुताबिक गौशालाओं में आने वाली गायों की देखरेख के लिए पशुपालन विभाग के माध्यम से शासन, गौशाला संचालकों को अनुदान देगा। गौशाला खोलने के इच्छुक लोग विकास भवन स्थित मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से आवेदन पत्र लेकर गौशाला पंजीकरण कराने के लि

गोपाष्टमी 2017 : कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी के त्यौहार रूप में मनाया जाता है गोपाष्टमी का पर्व गोवर्धन पर्वत से जुड़ा त्यौहार है | श्रीकृष्ण ने गौचारण लीला गोपाष्टमी के दिन शुरू की थी। कहा जाता है की द्वापर युग में श्री कृष्ण भगवान ने गोवर्धन पर्वत को कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा को ब्रज वासियों की भारी वर्षा से रक्षा करने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठा लिया था | श्री कृष्ण भगवान की इस लीला से सभी ब्राज़ वासी उस पर्वत के निचे कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से लेकर सप्तमी तक रहे तब जाकर इन्द्र देव को पछतावा हुआ | और इन्द्र देव को वर्षा रोकनी पड़ी | तब से लेकर आज तक गोवर्धन पर्वत

गाय सम्पूर्ण राष्ट्र और विश्व की माता है

गाय सम्पूर्ण राष्ट्र और विश्व की माता है।

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