गावो विश्ववस्य मातरः

भारतीय चिंतनपद्धति में, चाहे वह किसी भी पंथ या मान्यता से अनुप्राणित हो, गाय को आदिकाल से ही पुज्यनीय माना गया हैं, और उसके बध को को महापाप समझा जाता रहा है। वेदो, शास्त्रों, एव पुराणो के अलावा कुरान, बाइबिल, गुरुग्रन्थं साहिब तथा जैन एंव बौद्ध धर्मग्रन्थों में भी गाय को मारना मनुष्य को मारने जैसा समझा जाता है। कुरान में आया है कि गाय की कुर्बानी इस्लाम धर्म कर खिलाफ है। इस प्रकार देखा जाये तो सभी धर्मों नें गाय की महत्ता को समान रुप से सर्वोपरि माना है। लेकिन इन सबके बावजुद कुछ निकम्मे व कूठिंत सोच वाले लोग है जो की कहते है बिना गाय की बली दिये हुए त्योहार अधुरा रह जाता है। ये वे समय है जब

10 राज्यों में क़ानूनन होती है गो-हत्या

भारत के 29 में से 10 राज्य ऐसे हैं जहां गाय, बछड़ा, बैल, सांड और भैंस को काटने और उनका गोश्त खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. बाक़ि 18 राज्यों में गो-हत्या पर पूरी या आंशिक रोक है.

भारत की 80 प्रतिशत से ज़्यादा आबादी हिंदू है जिनमें ज़्यादातर लोग गाय को पूजते हैं. लेकिन ये भी सच है कि दुनियाभर में ‘बीफ़’ का सबसे ज़्यादा निर्यातकरनेवाले देशों में से एक भारत है.

दरअसल ‘बीफ़’, बकरे, मुर्ग़े और मछली के गोश्त से सस्ता होता है. इसी वजह से ये ग़रीब तबक़ों में रोज़ के भोजन का हिस्सा है, ख़ास तौर पर कई मुस्लिम, ईसाई, दलित और आदिवासी जनजातियों के बीच.

गाय ने कैसे बदल दिया लोगो का जीवन!

गाय ने कैसे

मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के इमलिया गौंडी गांव के लोगों की जिंदगी में गौ-पालन ने बड़ा बदलाव ला दिया है। एक तरफ जहां वह लोगों के रोजगार का जरिया बन गई है, वहीं गाय की सौगंध खाकर लोग नशा न करने का संकल्प भी ले रहे हैं। इमलिया गौंडी गांव में पहुंचते ही ‘गौ संवर्धन गांव’ की छवि उभरने लगती है, क्योंकि यहां के लगभग हर घर में एक गाय है। इस गाय से जहां वे दूध हासिल करते हैं, वहीं गौमूत्र से औषधियों और कंडे (उपला) का निर्माण कर धन अर्जन कर रहे हैं। इस तरह गांव वालों को रोजगार भी मिला है।

यह है देश की पहली गौमूत्र रिफाइनरी, यहां बेच सकते हैं गाय का गोबर और मूत्र

यह है देश की पहली गौमूत्र रिफाइनरी, यहां बेच सकते हैं गाय का गोबर और मूत्र

जालोर के सांचौर में गोधाम पथमेड़ा की ओर से देश का पहला गौमूत्र रिफाइनरी प्लांट लगाया गया है.

गौपालकों को गौमूत्र और गोबर से अच्‍छी आमदनी और अमृत समान गौ मूत्र को जन जन की पहुंच तक पहुंचाने के लिए सांचौर की गोधाम पथमेड़ा गौशाला में इस रिफाइनरी प्‍लांट की स्‍थापना की गई है.

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