गौ रक्षा हमारा परम धर्म
कुछ दिनों पहले की घटना है, हमेशा की तरह सुबह जागते ही मैं थोड़ी देर बालकोनी में बैठकर प्राकृतिक दृश्य हरे-भरे पेड़-पौधों को निहार रही थी, तभी पड़ोस की चाची जी को देखा कि वो एक गाय जो उनके घर के सामने लगाये गए सब्जियों और फूल-पौधों के बाग़ में घुसकर पौधों को खा गई थी उसे भगा रहीं थी| जब ध्यान दिया तो पता चला कि वो गाय को गन्दी गालियाँ दे-देकर कोस रहीं थीं, फिर वो गाय को भगाने के लिए उसे डंडे से मारे लगीं| मैं जल्दी से उनके पास गई और डंडा उनके हाथ से ले लिया कहा- “चाची जी मत मारिये गाय को मारना पाप होता है और गाली देना तो अपनी माँ को गाली देने जैसा है|” अब वो मुझ पर ही बिफर पड़ी