ऐसे करें गौ सेवा ..
घर में गाय के दूध, दही, घृत का उपयोग करें| पंचगव्य निर्मित साबुन, शेम्पू, उबटन तथा ऐसे ही अन्य उत्पादों का अधिकाधिक उपयोग करें| बीमारियों में पंचगव्य औषधियों का उपयोग करें |
भोजन से पहले गो ग्रास देने की आदत सभी परिवारजनों में डालें| परिवार के बच्चों एवं अन्य सदस्यों के साथ गाय के महत्त्व की चर्चा करें |
गौ से सम्बंधित पर्वों जैसे गोपाष्टमी, गोवत्सद्वादशी, बलराम जयंती, जन्माष्टमी, मकर संक्रांति इत्यादि में सम्मिलित हों|फलों एवं सब्जियों का उपयोग में न आने वाला हिस्सा कचरे में न डाल, गौवंश को दें| घर के सामने आने वाले गोवंश को पानी पिलायें| बचे हुए अन्न सब्जी आदि को भी गौवंश को समर्पित करें|
प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग न करें! कचरा प्लास्टिक की थैलियों में भरकर न फेंकें क्योंकि ये थैलियाँ ही गाय का आहार बनती हैं तथा प्लास्टिक की थैलियाँ खाने से गौ वंश अस्वस्थ होकर मृत्यु का ग्रास बनता है|
गौ सेवा हेतु दैनिक बचत की प्रक्रिया आरम्भ करें जिसमें एक निश्चित राशि को दैनिक, साप्ताहिक या मासिक रूप से संचित करें| जमा हुई राशि से गो ग्रास खरीद कर गौ वंश को खिलाएं या किसी जिम्मेदार गौ शाला को दान में दें|
भारतीय नस्ल की गाय पालें व गौ सेवा के आनंद का प्रत्यक्ष अनुभव करें|