गौरक्षा के लिए 250 किमी की पैदल यात्रा, अब करेंगे अनशन
बुंदेलखंड में भूख से दम तोड़ रही लाखों गाय को बचाने के लिए इस भीषण गर्मी के मौसम में सरकार ने अब तक किसी तरह की कोई पहल नहीं की है। सरकार तक गौवंश की इस दुर्दशा की तस्वीर पहुंचाने के मकसद से बुंदेलखंड के सामाजिक कार्यकर्ता तारा पाटकर दस दिनों की पैदल यात्रा कर लखनऊ पहुंचे। पाटकर ने महोबा से 5 जून को गौरक्षा पदयात्रा शुरू की थी और 15 जून को लखनऊ पहुंचे। यहाँ उन्होंने ऐलान किया कि 16 जून से एक सप्ताह की भूख हड़ताल शुरू करेंगे।
लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत में पाटकर ने बताया कि भूखे और पिछड़े बुंदेलखंड में अपने अस्तित्व को बचाने के लिए गाय इधर से उधर मारी-मारी फिर रही हैं। भूख और प्यास के कारण हर रोज गाय की मौत हो रही है। एक अनुमान के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों में दस लाख से अधिक गौवंश की मौत हो चुकी हैं। देशी गाय की हालत लुप्तप्राय प्राणियों जैसी होती जा रही हैं। व्यवसायिक उपयोगिता घटने के कारण गाय के अस्तित्व पर ख़तरा मंडरा है, जिस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।
लखनऊ पहुंचने पर पदयात्रा का लखनऊ में कई सामाजिक संगठनों ने जगह-जगह स्वागत किया। पदयात्रा आलमबाग, चारबाग़, हजरतगंज, परिवर्तन चौक होते हुए इंदिरा नक्षत्रशाला पहुंची। इस मौके पर पाटकर ने पत्रकारों को बताया कि गुरु गोरखनाथ की तपोभूमि महोबा से शुरू हुई यात्रा 10 दिनों का सफर कर लखनऊ पहुंची है। उन्होंने कहा कि इससे पहले 23 मई को वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर चुके हैं लेकिन कोई फैसला न होने के कारण वे उपवास शुरू करने जा रहे हैं। इस दौरान शुभ संस्कार समिति के अध्यक्ष लक्ष्मी कान्त पांडेय, महामंत्री ऋद्धि किशोर गौड़, आशीष अग्रवाल, राजेश आनंद, संकल्प परिवार के अनूप मिश्र, प्रभाकर दत्त महाराज, बीके श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार सिंह, अनिल सैनी, मनोज सिंह, नंदराम यादव सहित अन्य लोग मौजूद रहे।