सामुहिक गौशाला खोलिये
आज जब आदमी 40- 40 हजार रु. की मोटर सायकल खरीद रहा है तब कुछ लोग थोड़ी- थोड़ी रकम लगाकर 10- 15 देशी गाय खरीदकर सामुहिकरूप से एक जगह उनका पालन- पोषण कर सकते हैं ।। अलग- अलग गाय पालने से यह बेहतर है ।। गौसेवा का पुण्य मिलेगा, शुद्ध दूध भी मिलेगा, आप एक परिवार को रोजगार भी दे सकेंगे और चाहे तो गोबर एवं गौ मूत्र से अन्य छोटे उद्योग भी चलाए जा सकते हैं ।। यह सामुहिक प्रयास समाज में सहकारिता, सहयोग और पारिवारिक भावना बढ़ाने वाला भी होगा... तब क्या विचार है... ??
गाय का जीवन... हमारे स्वास्थ्य, संस्कृति, प्राकृतिक पर्यावरणीय संतुलन, अर्थतंत्र, कृषि, ऊर्जा सभी क्षेत्रों में कल्याणकारी प्रभाव डालता है। औद्योगिकीकरण, सर्वत्र हो रहा रासायनीकरण, शहरीकरण एवं तथाकथित आधुनिकीकरण के बढ़ते प्रयासों ने आज अनेकों उपद्रव खड़े कर दिये हैं। गौ पालन एवं संवर्धन द्वारा समाज में पुनः सुख समृद्घि का वातावरण लाया जा सकता है। इसी निमित्त से जन मानस को तैयार करना, इन गौ संवर्धन दीप यज्ञोंका उद्देश्य है।
इन दीप यज्ञों का आयोजन ग्रामीण एवं शहरी दोनों ही क्षेत्रों में किया जाना है। शहरों में इसलिए क्योंकि गौ आधारित औषधि उत्पादनों की शहरी क्षेत्रों में अधिक आवश्यकता है तथा हमारे शहर उन उत्पादों की बिक्री के लिए अच्छे बाजार का काम कर सकते हैं। दूसरी महत्त्वपूर्ण बात यह कि शहरों में धन साधन अधिक हैं, जिन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में भेजकर गौ संरक्षण संवर्धन की योजनाओं को बल प्रदान किया जा सकता है।