गौ या गाय हमारी संस्कृति की प्राण है। यह गंगा, गायत्री, गीता, गोवर्धन और गोविन्द की तरह पूज्य है।
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गोवरधन धारी की दुलारी गौ माँ
साधू संतो मुनिओ की पियरी गौ माँ
मानव पर सदा उपकारी गौ माँ
कदम कदम सुखकारी हे गौ माँ
फिर भी दुखी हमारी गौ माँ
संकट में आज हमारी गौ माँ
कातर निगाहे हमें देख रही हे
फेली हुई बाहे हमें देख रही हे
चीखे और आहे हमें हमें देख रही हे
कतल घर की राहे हमें देख रही हे
हम चारा और पानी का प्रबंध करेंगे
गौ हत्या हम हर हाल में बंद करेंगे
हमें ही बचानी हे हमारी गो माँ
संकट में आज हमारी गो माँ'
कतल खाने में उसे लाया जाता हे
तीन चार दिन उसे भूखा रखा जाता हे
अगर आपके पास अभी तक आधार कार्ड नहीं है, तो ये कहा जा सकता है कि आपसे ज्यादा अपडेट तो गाय हैं। दरअसरल मध्यप्रदेश में जल्द ही गायों के भी आधार कार्ड बनाए जाएंगे। इसमें गायों की पूरी डीटेल और लोकेशन वगैरह की जानकारी होगी। पशुपालन मंत्री अंतर सिंह आर्य का कहना है कि इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया गया है और इसकी मदद से अवैध तस्करी पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
- केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने फर्श की सफाई के लिए गौमूत्र से बने द्रव्य ‘गौनाइल’ के सरकारी दफ्तरों में इस्तेमाल की वकालत करते हुए कहा है कि अभी उपयोग में लाए जा रहे फिनाइल ‘‘रासायनिक तौर पर पर्यावरण के लिए नुकसानदेह’’ हैं। अपने कैबिनेट सहकर्मियों को लिखे पत्र में मेनका ने उनसे अनुरोध किया है कि वे गौमूत्र से बने ‘‘गोनाइल’’ का इस्तेमाल शुरू करें क्योंकि यह ‘‘पर्यावरण के लिहाज से अच्छा’’ है।
आज जब आदमी 40- 40 हजार रु. की मोटर सायकल खरीद रहा है तब कुछ लोग थोड़ी- थोड़ी रकम लगाकर 10- 15 देशी गाय खरीदकर सामुहिकरूप से एक जगह उनका पालन- पोषण कर सकते हैं ।। अलग- अलग गाय पालने से यह बेहतर है ।। गौसेवा का पुण्य मिलेगा, शुद्ध दूध भी मिलेगा, आप एक परिवार को रोजगार भी दे सकेंगे और चाहे तो गोबर एवं गौ मूत्र से अन्य छोटे उद्योग भी चलाए जा सकते हैं ।। यह सामुहिक प्रयास समाज में सहकारिता, सहयोग और पारिवारिक भावना बढ़ाने वाला भी होगा... तब क्या विचार है... ??