फिनाइल की जगह करें ‘गौनाइल’ का इस्तेमाल: मेनका गांधी
- केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने फर्श की सफाई के लिए गौमूत्र से बने द्रव्य ‘गौनाइल’ के सरकारी दफ्तरों में इस्तेमाल की वकालत करते हुए कहा है कि अभी उपयोग में लाए जा रहे फिनाइल ‘‘रासायनिक तौर पर पर्यावरण के लिए नुकसानदेह’’ हैं। अपने कैबिनेट सहकर्मियों को लिखे पत्र में मेनका ने उनसे अनुरोध किया है कि वे गौमूत्र से बने ‘‘गोनाइल’’ का इस्तेमाल शुरू करें क्योंकि यह ‘‘पर्यावरण के लिहाज से अच्छा’’ है।
- महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि केंद्रीय भंडार में ‘‘गौनाइल’’ रखने की शुरूआत हो चुकी है। इस महीने की शुरूआत में भेजे गए पत्र में मंत्री ने कहा, ‘‘मैं आपसे अनुरोध करूंगी कि आपके मंत्रालय में अभी इस्तेमाल किए जा रहे फिनाइल, जो रासायनिक तौर पर पर्यावरण के लिए हानिकारक है, की जगह अब आप गौनाइल का इस्तेमाल शुरू करें।’’ फिनाइल एक सस्ता द्रव्य है जिसे सरकारी दफ्तरों में फर्श एवं शौचालयों की सफाई के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। ‘होली काऊ फाउंडेशन’ नाम का एक एनजीओ ‘‘गौनाइल’’ की मार्केटिंग कर रहा है। फिनाइल जैसा सिंथेटिक आधार न होने के कारण ‘‘गौनाइल’’ को पर्यावरण के लिए लिहाज से अच्छा बताया जा रहा है।
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