गोरक्षा के लिए क्या करना चाहिए ?
प्रश्न—गोरक्षा के लिए क्या करना चाहिए ?
उत्तर—गायों की रक्षा के लिए उनको अपने घरों में
रखना चाहिए और उनका पालन करना चाहिए | गाय के
ही दूध-घी का सेवन करना चाहिए, भैंस आदि का नहीं |
गायों की रक्षा के उद्देश्य से ही गोशालाएँ
बनानी चाहिए, दूध के उद्देश्य से नहीं | जितनी गोचर-
भूमियाँ हैं, उनकी रक्षा करनी चाहिए तथा सरकार से
और गोचर-भूमियाँ छुड़ाई जानी चाहिए | सरकार
की गोहत्या-नीति का कड़ा विरोध करना चाहिए और
वोट उनको ही देना चाहिए, जो पूरे देश में पूर्णरूपसे
गोहत्या बंद करने का वचन दें |
खेती करनेवाले सज्जनों को चाहिए कि वे गाय, बछड़ा,
बैल आदि को बेचें नहीं | गाय और माय बेचने
की नहीं होती | जबतक गाय दूध और बछड़ा देती है, बैल
काम करता है, तबतक उनको रखते हैं | जब वे बूढ़े
हो जाते हैं, तब उनको बेच देते हैं—यह
कितनी कृतघ्नता की, पाप की बात है ! गाँधीजी ने
‘नवजीवन’ अख़बार में लिखा था कि ‘बूढ़ा बैल
जितना घास (चारा) खाता है उतना गोबर और गोमूत्र
पैदा कर देता है अर्थात् अपना खर्चा आप
ही चूका देता है |’
बंबई के देवनार-कसाईखाने में मैंने देखा है
कि वहाँ अच्छे-अच्छे, जवान-जवान बैल ट्रकों में
भरकर लाये जाते हैं और खड़े कर दिए जाते हैं | दूरतक
सींग-ही-सींग दीखते थे | ऐसे बैलों को मशीनों के
द्वारा बड़ी बुरी तरह से मारते हैं | जीते-
जी उनका चमड़ा उतारा जाता है; क्योंकि जीते हुए
का चमड़ा उतारा जाय तो वह बहुत नरम होता है |
जो गायों और बैलों को बेचते हैं, उनको यह
हत्या लगती है ! अतः अपनी पूरी शक्ति लगाकर हर
हालत में गायों की रक्षा करना, उनको कत्लखानों में
जाने से रोकना तथा उनका पालन करना,
उनकी वृद्धि करना हमारा परम कर्तव्य है |
- Swami Ramsukhdasji
(गाय की महत्ता और आवश्यकता)