गौ माता के नाम पर केवल जय
श्री मान पता नहीं आप मेरे तर्क से सहमत होंगे या नहीं परन्तु मेरी धारणा है की, हिन्दू समाज के साधू ,,संत और अदि शंकराचार्य की निष्क्रियता ही समस्त समाज के पतन का कारण है,, चारों शंकराआचार्या जी अपने अपने मठों में मगन हैं,,बाकि के साधू संत अपने अपने आश्रमों में आनंदमयी जीवन व्यतित कर रहे हैं,,कोई धर्म संसद नहीं ,,कोई अनुशान नहीं ,,कोई दिशा निर्देश नहीं,,आज समाज का साधरण मानव गौ रक्षा के लिए जूझ रहा है,,परन्तु इस पुण्य कर्म के लिए साधू और संत समाज का योगदान नाम मात्र को ही मिल रहा है,, जबकि हमारे देश में असंख्य ऐसे मठ भी हैं जिनके पास सैंकढ़ों एकड़ जमीन है,,यदि समस्त साधू समाज चाहे तो एक आव्हान पर भारत के समस्त गौ वंश के लिए स्थाई सुरक्षा और संरक्षण प्रदान करवा सकता है,,पूरे देश में 35000 हजार से भी ज्यादा गौ हत्या केंद्र चलाये जा रहे हैं,,यदि हमारा समाज गौ माता को स्थाई सुरक्षा प्रदान करवा दे,, तो कोई गौ हत्या नहीं होगी,, और न ही कोई गौ हत्या केंद्र होगा,,कुम्भ के मेले में देखने को मिलता है की हमारे संत 25 -25 लाख की गाडिओं में भ्रमण कर रहे हैं,,एयरकंडीशंडगाड़ी एयरकंडीशं आश्रम और गौ माता के नाम पर केवल जय,,यदि गौ माता का खोया हुआ सम्मान उसको बापिस नहीं मिलेगा तो भयंकर विनाश होगा,,गौ बचेगी तो देश बचेगा,,क्या आप किसी बड़े सन्त समेलन में गौ रक्षा की चर्चा का शुभारम्भ कर सकते हैं ? केवल एक संकल्प मात्र की आवश्यका है,,आजकल देश में असंख्य गौ रक्षा संगठन सक्रिय हैं,,केवल एक घोषणा से हजारों हाथ आपके साथ जुड़ सकते हैं,,मेरा मानना है की गौ रक्षा क्रांति के माध्यम से समस्त हिन्दू समाज को एक मंच पे लाया जा सकता है,,आशा है आप मेरे मनोभावों को समझने का प्रयास करेंगे किसी त्रुटी अथवा किसी असुविधा के लिए क्षमा का याचक हूँ,,,जय जय श्री राम