नंदी गोशाला प्रकरण : जिम्मेदारी लेने से ग्रामीण मुकरे, बोले-नहीं संभाल सकते गोशाला
उपखंड क्षेत्र के गोलासन गांव में स्थित देश की सबसे बड़ी नंदीशाला श्री हनुमान महावीर गोशाला के संचालन को लेकर मंगलवार को नया मोड़ आ गया। प्रशासन की ओर से नंदी गोशाला के संचालन के लिए मंगलवार को ग्रामीणों को चाबियां सौंपने का निर्णय हुआ था, लेकिन ऐनवक्त पर ग्रामीणों ने इसके संचालन में असमर्थता जताते हुए इनकार कर दिया। ऐसे में प्रशासन के सामने एक बार फिर से विकट स्थित आ गई है।
गौरतलब है कि नंदी गोशाला को गोचर से खाली करने को लेकर प्रशासन ने संचालक ट्रस्ट को नोटिस जारी किया था। इसके बाद संचालक ट्रस्ट की ओर से 6 नवम्बर को गोशाला की चाबियां प्रशासन को सौंपी गई थी। इसके बाद इसके संचालन की जिम्मेदारी प्रशासन पर आ गई थी। इस दौरान सार संभाल के अभाव में कई नंदियों की मौत भी हो गई थी। इस दौरान प्रशासन ने गोसेवकों से भी मदद के लिए आगे आने का आह्वान किया था। जिस पर कई गोसेवकों ने नंदियों के लिए चारे की व्यवस्था की थी। लेकिन यह आवश्यकता के अनुसार काफी कम थी। इस दौरान 17 नवंबर को नंदीशाला संचालन को लेकर ग्रामीणों ने गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी सहित जिले के जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की मौजूदगी में लिखित में आश्वासन दिया था। इसके लिए 20 ग्रामीणों की कमेटी बनाने का निर्णय किया गया था। जिसे संचालन का जिम्मा संभालना था। इसके लिए ग्रामीणों ने पांच दिन का समय मांगा था। ऐसे में 22 नवम्बर को ग्रामीणों को गोशाला की चाबियां सौंपने का निर्णय हुआ था। वहीं 21 नवम्बर को ही तहसीलदार की ओर से नंदी गोशाला में रखे गए सामान व संसाधन को सूचीबद्ध कर ग्रामीणों को चाबियां सौंपने की तैयारियां कर ली थी। लेकिन मंगलवार को ग्रामीणों ने एकत्रित होकर नंदीशाला को चलाने में असहमति जता दी। ग्रामीणों ने कहा कि इस बड़ी नंदीशाला को चलाना उनके लिए संभव नहीं है। ऐसे में नंदी गोशाला का जिम्मा एक बार फिर से प्रशासन के हाथ में आ गया। इधर, नंदी गोशाला की व्यवस्था एवं संचालन प्रशासन के लिए गले की हड्डी बन गया है।