कैसे शुरु हुआ था कसाईखानों में गौवध ?
मुस्लिम काल में गौवध नाममात्र था : श्री धर्मपाल द्वारा लिखित साहित्य में दिए गए प्रमाणों के अनुसार मुस्लिम शासन के समय गौवध अपवादस्वरूप ही होता था। अधिकांश शासकों ने अपने शासन को मजबूत बनाने और हिन्दुओं में लोकप्रिय होने के लिए गौवध पर प्रतिबंध लगाए। यह तो वे अंग्रेज और ईसाई आक्रमणकारी थे जिन्होंने भारत में गौवध को बढ़ावा दिया। अपने इस कुकर्म पर पर्दा डालने के लिए उन्होंने मुस्लिम कसाइयों की नियुक्ति बूचड़खानों में की।
धर्मपालजी द्वारा दिए प्रमाणों से पता चलता है कि ब्रिटेन की रानी के निर्देशन पर मुस्लिम कसाइयों को नियुक्त करने की नीति अपनाई गई थी। आज भी देश में वही अंग्रेजकालीन नीतियां जारी हैं। इनके चलते देश में गौवधबंदी असंभव है। स्मरणीय है कि भारत आज भी इंग्लैंड की डौमिन स्टेट हैं तथा अभी तक हम स्वतंत्र देश नहीं है। यही कारण है कि पूरी संसद द्वारा गौवध बंदी करने का समर्थन करने पर भी प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि यदि यह प्रस्ताव पास होता है तो मैं प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र पद से त्यागपत्र दे दूंगा। अनुमान यह है कि गौवध बंदी न करने का इंग्लैंड सरकार का आदेश नेहरू को मिला था।