अबला गैया हाय तुम्हारी है यह दुखद कहानी,
अबला गैया हाय
तुम्हारी है यह दुखद कहानी,
माँ कह कर भी कुछ लोगों, ने कदर न
तेरी जानी..
कोई तुझको डंडा मारे,कोई बस दुत्कारे,
भूखी-प्यासी भटक रही है, तू तो द्वारे-द्वारे.
देख दुर्दशा तेरी मैया, बहे नैन से पानी.
अबला गैया हाय
तुम्हारी है यह दुखद कहानी.
पीकर तेरा दूध यहाँ पर, जिसने ताकत पाई,
वही एक दिन पैसे खातिर, निकला निपट
कसाई.
स्वारथ में अंधी दुनिया ने, बात कहाँ-कब
मानी.
अबला गैया हाय
तुम्हारी, है यह दुखद कहानी.
गो-सेवा का अर्थ यहाँ अब, केवल रूपया-पैसा,
इसीलिए कटवा देते सब, क्या गैया, क्या भैसा.
हिंसा से है लालधरा उफ़… धर्मग्रन्थ बेमानी.
अबला गैया हाय
तुम्हारी है यह दुखद कहानी.
ऋषि-मुनियों ने
कही कथाएं, गौ में देव समाए,
मगर ये अनपढ़ दुनिया इसका, मर्म समझ
ना पाए.
कदम-कदम पर हैवानों की, शर्मनाक मनमानी..
अबला गैया हाय
तुम्हारी है यह दुखद कहानी.
किसी जीव की हो ना हत्या, कैसी जीभ
चटोरी,
खून बहा कर पूजा करते, उस पर है मुंहजोरी.
वाह रे मानव पाखंडी तू, मूरख औ अभिमानी..
अबला गैया हाय
तुम्हारी, है यह दुखद कहानी.
बहुत हो गया दिल्ली जागे,यह कानून बनाए,
धर्म-जात की आड़ में अब, गोवंश न काटने पाए.
करें न गौ से
दूध-हरामी, काम
करें कल्यानी..
अबला गैया हाय
तुम्हारी है यह दुखद कहानी..