गाय की हर एक चीज़ गुणकारी एवम सर्वोत्तम है

गाय की हर एक चीज़ गुणकारी एवम सर्वोत्तम है

गाय की हर एक चीज़ गुणकारी एवम सर्वोत्तम है । गाय के गोबर को अतिशुद्ध माना जाता है। प्राचीन समय में घर को शुद्ध करने के लिए गाय के गोबर से घर लिपे जाते थे। आज भी दूर-दराज़ के गावों में यह कार्य जस का तस चल रहा है।

गौमूत्र (गाय के मूत्र) को भी घर में शुद्धी के लिए छिड़का जाता है तथा शुद्ध गौमूत्र के सेवन से पेट के विभिन्न रोगों से निजात मिलती है। छोटे शिशु को गाय का दूध पिलाने से उसका बौद्धिक विकास तीव्र गति से होता है।

लेकिन हैरानी की बात यह है की【 भारत जैसे धार्मिक एवं हिन्दू देश की राजधानी दिल्ली में वर्षों पहले गाय-भैंसों के खिलाफ ही कानून बना दिया गया की हम गौमाता को अपने घर में नही रख सकते उसे पालतू जानवर नही बना सकते】

जबकि कुत्तों को घर में रखने पर कोई प्रतिबन्ध नही है और न ही उनके खिलाफ कोई कानून बनाया गया है।

जबकि मनुष्य को शारीरिक क्षति भी पहुंचाते है। कुत्ते से “रेबीज़” नामक भयंकर बीमारी हो जाती है । गौग्रास के लिए अब गाय ढूंढे से भी नही मिलती।

अभी तक कानून अंधा तो सुना ही था अब लगता है बहरा भी हो गया जो अपने प्राचीन शास्त्रों में लिखी मान्यताओं और कर्मकांडों को ताक़ पर रखकर कुछ भी कर गुजरने को तैयार है। यह कानून हिंदुवादियों पर प्रत्यक्ष कुठाराघात है।

दिल्ली में आवासीय क्षेत्रों में गाय-भैसों को रखने एवम पालने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। जिसके चलते दिल्ली से सभी डेरियों को दिल्ली से बाहर दिल्ली एनसीआर में स्थानांतरित कर दिया गया है ।

जो थोडा बहुत लोगों ने रखी भी हुई है वो गैरकानूनी करार दी गई है ।

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