गाय पालन व्यवसाय के रूप में लाभान्वित...
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को उनकी आजीविका के साधनों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित की जाती हैं। इन योजनाओं पर अनुदान का भी प्रावधान रखा गया है। किसान व आम ग्रामीण अनुदान प्राप्त कर आजीविका के साधनों को बेहतर बना सकते हैं।
दुग्ध उत्पादन (डेयरी)
इस संबंध में पशु सम्बंधित जानकारी उपलब्ध कराई जाती है, और यह योजनायें राज्य पशुपालन विभाग, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, डेयरी को-आपेरेटिव सोसाइटी तथा डेयरी फार्मस के फेडेरेशन को स्थानीय स्तर पर नियुक्त तकनीकी व्यक्ति की सहायता से तैयार की जाती है।
दुध उत्पाद के क्षेत्र में लाभुक को राज्य के कृषि विश्वविद्यालय में डेयरी के प्रशिक्षण के लिए भी भेजा जाता है। इसमें भूमि का विवरण, पानी तथा चारागाह की व्यवस्था, चिकित्सीय सुविधा, बाजार, प्रशिक्षण तथा किसान का अनुभव तथा डेयरी फेडेरेशन (राज्य सरकार) की सहायता के विषय में जानकारी दी जाती है। इसके अलावा खरीद किये जाने वाले पशु की नस्ल की जानकारी, मवेशी की संख्या तथा अन्य संबंधित जानकारी दी जाती है।
मिनी डेयरी (पांच दुधारू मवेशी के लिए), मिनी डेयरी (दस दुधारू मवेशी के लिए ) आदि सरकरी योजनाएं है.
पशुपालन में आवश्यक जानकारी :
दुधारू पशुओं के लिए टीकाकरण सारणी – दुधारू पशुओं के लिए टीकाकरण सारणी प्रस्तुत है।
दुग्ध उत्पादन (डेयरी)- पशु की नस्लों, उपलब्धता, रोग , चारा , बछड़ा , डेयरी प्रबंधन आदि से संबंधित मशीनरी के चयन के साथ डेयरी के वैज्ञानिक प्रबंधन की जानकारी को दी जाती है।
पशुओं के लिए आवास स्थान – पशुओं के लिए आवास स्थान की आवश्यकताओं के विषय में विस्तृत जानकारी दी जाती है।
पशुओं के भोजन के रूप में एजोला – एजोला के विषय में जानकारी उपलब्ध है।
पशुओं में बांझपन के कारण और उपचार- पशुओं में बांझपन के कारण और उसके उपचार से सम्बंधित जानकारी दी जाती है।
पशुओं की नस्ल व उनका चुनाव –पशुओं की नस्ल एवं उनके चुनाव से सम्बंधित जानकारी दी जाती है।
पशु प्रजनन – पशु प्रजनन तालिका का वर्णन किया गया है।
बछडा प्रबंधन – बछड़े की देखभाल से सम्बंधित जानकारी उपलब्ध है।
पशुओं को होनेवाली बीमारी व उससे बचाव – पशुओं में होनेवाली बीमारी एवं उनसे बचाव का वर्णन है।