गौ आधारित कृषि

कृषि में गोमूत्र और गोबर का महत्व

भारत में और भारत के अतिरिक्त अन्य देशों में गाय का महत्व मुख्य रूप से दूध और दूध से बने अन्य व्यंजनों के लिए किया जाता है। किन्तु, गाय के मूत्र और गोबर का महत्व कुछ कम नहीं है। हम सभी कृषि में खाद के उपयोग और महत्व को भली-भांति परिचित हैं। अच्छी फसल के लिए केंचुए की खाद, सड़ी-गली पत्तियों की खाद,रासायनिक खाद आदि इस्तेमाल किए जाते हैं।इसके अतिरिक्त गोमूत्र और गोबर उत्तम उर्वरक के रूप में प्रयोग किए जाते हैं। प्राकृतिक उर्वरक गोमूत्र और गोबर सर्वश्रेष्ठ उर्वरक हैं, क्योंकि रासायनिक उर्वरक जहाॅं एक ओर फसलोत्पादन में वृद्धि करते हैं, वहीं खाद्य पदार्थों में और भूमि में पहुॅंच कर उन्हें विषाक्त भ

गौ आधारित ग्रामीण विकास (बायोगैस ऊर्जा,जैविक कृषि,दुग्ध उत्पादन एवं गौशाला प्रबंधन )

कृषि में रसायनों का अनियंत्रित उपयोग मानव जगत के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य हेतु हानिकारक है। अनुसंधानों के तथ्य यह बताते हैं कि रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के अनियंत्रित उपयोग से मानव स्वास्थ्य पर त्वरित एवं दूरगामी परिणाम होते हैं। जो मनुष्य इन रसायनों के सीधे संपर्क में आते हैं, उनमें त्वरित परिणाम देखने को मिलते हैं जैसे बेहोशी, चक्कर, थकान, सिरदर्द, चमड़ी में खुजली, ऑंखों के आगे अंधेरा छाना, उल्टी आना, श्वास लेने में परेशानी इत्यादि। ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक लोगों के द्वारा कीटनाशक पीकर आत्महत्या की कई घटनाएं रिर्पोटेड हैं। कृषि रसायनों में दूरगामी परिणामों में मनुष्यों में नपु

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