देशी गाय में वात्सल्य भावना कूट—कूटकर भरी होती है
भारतीय देशी गाय में वात्सल्य भावना कूट—कूटकर भरी होती है। वह अपने बच्चे को जन्म देने के बाद 18 घंटे तक चाटती—दुलारती रहती है। यही कारण है कि सैंकड़ों बछड़ों के बीच भी अपने बच्चे को पहचान लेती है। और तो और, गाय जबतक अपने बच्चे को दूध नहीं पिलाती है, तबतक दूध नहीं देती है। जबकि भैंस या जर्सी गाय चारा खाते ही दूध दूहने की अनुमति दे देती है। यही कारण है कि गाय का दूध पीने वाले बच्चे में काफी शांत और सौम्य आचरण एवं व्यवहार ज्यादा देखे गए हैं।
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