सर्व देव मयी गोमाता

गोमाता

सर्व देव मयी गोमाता

ब्रह्मा और विष्णु गाय के दो सींगो पर
सभी पवित्र स्रोत और वेदव्यास सींगों के छोर पर
भगवान शंकर मध्य मस्तक पर
पार्वती मस्तक के किनारे पर
कार्तिकेय नाक पर, कंबल और अश्वतर देव नथुनों पर
कानों पर अश्विनीकुमार द्वय
आंखो में सूर्य और चंद्र
दांतों में वायु और जिह्वा पर वरुण
गाय के स्वर में सरस्वती
गलावलंब पर रक्षकगण
साध्य देव हृदय में
जांघो में धर्म
खुरों की फांक में गंधर्व, कोरों पर पन्नाग, बगलों में अप्सरायें
पीठ पर ११ रुद्र और यम, घाटी में अष्ट वसु
नाभि संधि मध्य पितृदेव, पेट के क्षेत्र में १२ आदित्य
पूंछ पर सोम, केशों पर सूर्यकिरणें, मूत्र में गंगा, लक्ष्मी-यमुना गोबर में
दूध में सरस्वती, दही में नर्मदा, घृत में अग्नि
३३ करोड़ देव केशों में
पेट में पृथ्वी, स्तनों में सागर, पूरे शरीर में कामधेनु
भाँहों कि जड़ में त्रिगुण, केशों के कूपों में ऋषिगण, श्वास में सब पवित्र झीलें
ओष्ठों पर चंडिका, त्वचा पर प्रजापति ब्रह्मा
नथुनों पर सुगंधित पुष्प
कांख में साध्यदेव
मुख पर वेदों के ६ भाग, चरणों में चार वेद, खुरों के ऊपर यम, कुबेर और गरुड़ दक्षिण में, यक्ष वाम भाग पार्श्व में, अंदर गंधर्व
पांवों के अग्र में खेचर, आंतो में नारायण, अस्थियों में पर्वत, चरणों में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष, ‘हुँ’ की ध्वनि में चारों वेद

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