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गोवर्धन पूजा का महत्व और विधि

कार्तिक मास की शुक्लपक्ष की प्रतिपदा को ही गोवर्धन पूजा की जाती है। इसे अन्नकूटए बलि पूजा और मार्गपाली जैसे नामों से भी जाना जाता है। गोवर्धन की पूजा भगवान कृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से शुरू हुई। वैदिक वाटिका आपको बता रही है कैसे की जाती है गोवर्धन पूजा और इस पूजा से कौन कौन सी समस्याएं दूर होती हैं आपकी।
गोवर्धन पूजा का महत्व और  विधि

गौ सेवा का अनन्त फल

जो पुरुष गौओ की सेवा और सब प्रकार से उनका अनुगमन करता है |  गौए उसे अत्यन्त दुलर्भ वर प्रदान करती है। गौओ के साथ मनसे भी द्रोह न करे उन्हें  सदा सुख पहुचाए उनका यथोचित सत्कार करे ओर नमस्कार आदि  के द्वारा उनकी पूजा  करे। जो मनुष्य  जितेन्द्रिय और प्रसन्नचित्त  होकर नित्य गौओ की सेवा करता है वह समर्द्धि   का भागी होता है।

भारतीय संस्कृति में गाय का महत्व, गायत्री गंगा और गीता से भी बढ़कर है, क्योंकि गायत्री की साधना में कठिन तपस्या अपेक्षित हैं, गंगा के सेवन के लिये भी कुछ त्याग करना ही पड़ता है और गीता को जितनी बार पढ़ोगे उसमें हर बार कुछ न कुछ नया मिलता है, जिसका रहस्य समझना कठिन है, लेकिन गौ का लाभ तो घर बैठे ही मिल जाता है। वेदों का कथन है कि यदि किसी को इस माया राज्य में सब प्रकार का वैभव प्राप्त करना है तो गौ माता की प्रमुख रूप से सेवा करें। यहाँ प्रश्न पैदा होता है कि गौ की महिमा का शास्त्रों में जो वर्णन है, क्या उसे सत्य माना जा सकता है ?

गौ भक्त के लिए कुछ भी दुलर्भ नही

गौ भक्त मनुय जिस जिस वस्तु की इच्छा करता है वह सब उसे प्राप्त होती है! स्त्रियों  में भी जो गौओं की भक्त हैं वे मनोवांछित कामनाएं प्राप्त कर लेती हैं! पुत्रार्थी   मनुष्य पुत्र पाता है और कन्यार्थी कन्या! धन चाहने वाले को धन और धर्म चाहने वाले को धर्म प्राप्त होता है! विद्यार्थी विद्या पाता है और सुखार्थी सुख! गौ भक्त के लिए यहां कुछ भी दुलर्भ नही है!

करोड़पति बनना है तो आधुनिक मशीनों से लैस डेयरी खोलिए। इसमें सभी काम मशीन से होंगे। मेहनत भी नहीं करनी है लेकिन इसके लिए 15 अगस्त तक आवेदन करना होगा।

          विदेशों की तरह सभी सुविधाओं से लैस डेयरियों की स्थापना करने के लिए प्रदेश सरकार ने कुछ दिन पहले ही कामधेनु योजना शुरू की है। जिले में इसके लिए कोर्इ टारगेट भी नहीं है। दूध दुहने, चारा काटने व चारे को मिक्स करने के लिए मशीनें लगी होगीं। सभी मशीनें गोबर गैस प्लांट से चलेंगी। पहले साल से ही लगभग 66 लाख रूपए आय होने लगेगी। बैंक की किस्त और अन्य खर्चों को छोड़ दिया जाए तो लगभग 29 लाख रूपए की सालाना शुद्ध आय होगी।

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