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गोलासन गौशाला , नंदीशाला

गोलासन स्थित विश्व की सबसे बड़ी नंदी गोशाला बंद करने की कवायद में सांचौर के पूर्व विधायक का नाम सामने आने के बाद बिगड़ते सियासी समीकरण ने भाजपा के अन्य नेताओं को भी चौकन्ना कर दिया। इसके साथ ही जिले में भाजपा के अन्य नेताओं ने डेमेज कंट्रोल के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके तहत सांसद देवजी पटेल जल्द ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मुलाकात कर सकते हैं। वहीं गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के नाकोड़ा यात्रा से लौटते समय आहोर विधायक शंकरसिंह राजपुरोहित रविवार को उनसे जालोर में मुलाकात करेंगे। इसके लिए गृहमंत्री ने आहोर विधायक को समय दे दिया है। गौरतलब है कि प्रशासन की ओर से नंदी गोशाला खाली करने के नो

गौ सेवा की महिमा विष्णुधमोर्तरपुराणमे

विपत्ति  मे या कीचड मे फॅसी हुई या चोर तथा बाघ आदि के भय से व्याकुल गौ को क्लेश से मुक्त कर मनुष्य  अवमेधयज्ञ का फल प्राप्त करता है रुग्णावस्था मे गौओ को औषधि प्रदान करने से स्वंय मनुष्य  सभी रोगो से मुक्त हो जाता है गौओ को भय से मुक्त कर देनेपर मनुष्य  स्वय भी सभी भयो से मुक्त हो जाता हे चण्डाल के हाथ से गौको खरीद लेनेपर गोमेधयज्ञ का फल प्राप्त होता है तथा किसी अन्य के हाथ से गायको खरीदकर उसका पालन करन से गोपालक को गोमेधयज्ञका ही फल प्राप्त होता है। गौओ की शीत  तथा धूप से रक्षा करनेपर स्वर्ग की प्राप्ति  होती है। गौओ के उठने पर उठ जाय और बैठने पर बैठ जाय। गौओं के भोजन कर लेनेपर भोजन करे और

गोरक्षा - आन्दोलन का संक्षिप्त इतिहास

गोवंश सदैव से भारतीय धर्म कर्म एंव संस्कृति का मूलाधार रहा है। कृषि प्रधान देश होने से भारतीय अर्थव्यवस्था    का स्त्रोत  रहा है। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अमर सैनानियो-लोकमान्य तिलक महामना मालवीय गोखले  आदि ने  यह घोषणा की थी स्वराज्य मिलते ही गोवध तुरना बंन्द कराया जायगा। उपयुर्क्त नेताओं की घोषणाओ को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता को आशा थी कि अंग्रजी शासन चले जाने के साथ ही साथ गोहत्या का कलंक  भी इस देश से मिट जायगा। किन्तु वह आशा फलीभूत नहीं हुई। इसे देश का दुभार्ग्य ही कहा जायगा

गाय को “गोधन” कहा जाता रहा है

भारतीय विज्ञान की दिशा अंदर से बाहर की ओर है । आधुनिक विज्ञान बाह्य घटनाओं के निरीक्षण व प्रयोग के द्वारा उसमें छिपे सत्य को पहचानने का प्रयत्न करता है । हिन्दू विज्ञान सूक्ष्म से स्थूल की ओर ले जाता है तो आधुनिक विज्ञान ठोस स्थूल के माध्यम से विश्लेषण व निष्कर्ष की विधि द्वारा सूक्ष्म को पकडने का प्रयास कर रहा है । इस मूलभूत भेद को समझने से हम भारतीय वैज्ञानिक दृष्टि का सही विकास कर सकते हैं । फिर हम अपने अज्ञान के कारण ॠषियों द्वारा स्थापित परम्पराओं को अन्धविश्वास के रूप में नकारने के स्थान पर उनमें छिपे गूढ तत्व को समझने का प्रयत्न करेंगे । गाय को भारतीय जीवन में दिये जाने वाले महत्व को

देसी गाय का गोबर है महाऔषधी- हमारे देश में प्राचीन काल से ही गाय को माता का पवित्र स्थान दिया गया है. और बड़े-बड़े रिसर्च में भी गाय की हर चीज को महाँ औषधी के रूप में प्रमाणित कर दिया गया है. गौमाता किसी बड़े औषधालय से कम नहीं है । इसमें अनेकों गुण कूट-कूट के भरे हुए हैं. इसका दूध, गोबर, मूत्र सभी बहुत ही उपयोगी है. और इनसे बहुत सी दवाएं तैयार होती हैं.

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