सुप्रीम कोर्ट ने कहा "गौ रक्षा" देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा गौ रक्षा करना देश के प्रत्येक नागरिक का सांविधानिक कर्तव्य है !
सरकार के साथ -साथ प्रत्येक नागरिक का भी संवैधानिक कर्तव्य है.
एक स्वस्थ गाय एक दिन मे 10 किलो गोबर देती है और ढाई से 3 लीटर मूत्र देती है ! गाय के एक किलो गोबर से 33 किलो fertilizer (खाद ) बनती है . जिसे organic खाद कहते हैं.
गाय का गोबर कोर्ट ने भेजा टेस्ट करने के लिए ! तो वैज्ञानिको ने कहा की इसमें 18 micronutrients (पोषक तत्व )है .जो की खेत की मिट्टी को चाहिए जैसे - मैगनीज ,फोस्फोरस, पोटाशियम , कैल्शियम, आयरन, कोबाल्ट, सिलिकोन आदि है | रासायनिक खाद मे मुश्किल से तीन तत्व होते हैं ! तो गाय का खाद रासायनिक खाद से 10 गुना ज्यादा ताकतवर है . प्रूफ के साथ कोर्ट ने स्वीकारा.
1 किलो गोबर से 33 किलो खाद बना रहे हैं राजीव भाई ने कहा मेरे अपने गाँव मे मैं यह खाद बनाता हूँ ! राजीव भाई के माता पिता दोनों किसान है पिछले 15 साल से हम गाय के गोबर से ही खेती करते हैं !
1 किलो गोबर है तो 33 किलो खाद बनता है ! और 1 किलो खाद का जो अंराष्ट्रीय बाजार मे भाव है वो 6 रुपए है !तो रोज 10 किलो गोबर से 330 किलो खाद बनेगी ! जिसे 6 रुपए किलो के हिसाब से बेचें तो 1800 से 2000 रुपए रोज का गाय के गोबर से मिलता है !
और गाय के गोबर देने मे कोई sunday नहीं होता कोई अवकाश नहीं होता है, गोबर हर दिन मिलता है ! तो साल मे कितना ?
1800 का 365 मे गुना कर लो !
1800 x 365 = 657000 रुपए .साल का !
गाय की समान्य उम्र 20 साल है और वो जीवन के अंतिम दिन तक गोबर देती है !
तो 1800 गुना 365 गुना 20 कर लो आप ! 1 करोड़ से ऊपर तो मिल जाएगा केवल गोबर से !
हजारो लाखों वर्ष पहले हमारे शास्त्रो मे लिखा है की गाय के गोबर मे लक्ष्मी जी का वास है !!
आधुनिक शिक्षा से पढ़ कर निकले हैं जिन्हें अपना धर्म ,संस्कृति - सभ्यता सब पाखंड लगता है. हमेशा इस बात का मज़ाक उड़ाते है ,गाय के गोबर मे लक्ष्मी ?
तो ये उन सबके लिए अच्छा जवाब क्यूंकि ये बात आज सिद्ध होती है की गाय के गोबर से खेती कर ,अनाज उत्पादन कर धन कमाया जा सकता है और पूरे भारत का पेट भरा जा सकता है !
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अब बात करते हैं मूत्र की रोज का 2 - सवा दो लीटर !! और इससे ओषधियाँ बनती है
diabetes (मधुमेह) की ओषधि बनती है !
arthritis,की ओषधि बनती है
bronkitis, bronchial asthma, tuberculosis, osteomyelitis ऐसे करके 48 रोगो की ओषधियाँ बनती है !! और गाय के एक लीटर मूत्र का बाजार मे दवा के रूप मे कीमत 500 रुपए है !
वो भी भारत के बाजार मे ! अंतर्राष्ट्रीय बाजार मे तो इससे भी ज्यादा है . अमेरिका मे गौ मूत्र patent हैं, और अमरीकी सरकार हर साल भारत से गाय का मूत्र import करती है और उससे कैंसर की
medicine बनाते हैं . Diabetes की दवा बनाते हैं. अमेरिका मे गौ मूत्र पर एक दो नहीं तीन patent है ! अमेरिकन market के हिसाब से calculate करे तो 1200 से 1300 रुपए लीटर बैठता है
एक लीटर मूत्र ! तो गाय के मूत्र से लगभग रोज की 3000 की आमदनी !!!
और एक साल का 3000 x 365 =1095000
और 20 साल का 300 x 365 x 20 = 21900000 !
इतना तो गाय के गोबर और मूत्र से हो गया !! एक साल का !
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और इसी गाय के गोबर से एक गैस निकलती है जिसे मैथेन कहते हैं और मैथेन वही गैस है जिससे आप अपने रसोई घर का सिलंडर चला सकते हैं और जरूरत पड़ने पर गाड़ी भी चला सकते हैं 4 पहियो वाली गाड़ी भी !!
जैसे LPG गैस से गाड़ी चलती है वैसे मैथेन गैस से भी गाड़ी चलती है !तो न्यायधीश को विश्वास नहीं हुआ ! तब राजीव भाई ने कहा आप अगर आज्ञा दें तो आपकी कार मे मेथेन गैस का सिलंडर लगवा देते हैं . आप चला कर देख लो ! उन्होने आज्ञा दी . और उससे जज साहब ने 3 महीने गाड़ी चलाई ! और उन्होने कहा its excellent ! क्यूंकि खर्चा आता है मात्र 50 से 60 पैसे किलोमीटर और डीजल से आता है 4 रुपए किलो मीटर ! मेथेन गैस से गाड़ी चले तो धुआँ बिलकुल नहीं निकलता ! डीजल गैस से चले तो धुआँ ही धुआँ. मेथेन से चलने वाली गाड़ी मे शोर बिलकुल नहीं होता ! और डीजल से चले तो इतना शोर होता है कान फट जाएँ !! तो
ये सब जज साहब की समझ मे आया !!
रोज का 10 किलो गोबर एकठ्ठा करे तो एक साल मे कितनी मेथेन गैस मिलती है ? और 20 साल मे कितनी मिलेगी और भारत मे 17 करोड़ गाय है सबका गोबर एक साथ इकठ्ठा करे और उसका ही इस्तेमाल करे
तो 1 लाख 32 हजार करोड़ की बचत इस देश को होती है ! बिना डीजल ,बिना पट्रोल के हम पूरा ट्रांसपोटेशन इससे चला सकते हैं ! अरब देशो से भीख मांगने की जरूरत नहीं और पट्रोल डीजल के लिए अमेरिका से डालर खरीदने की जरूरत नहीं.
अतः सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया कि गाय की ह्त्या करने से ज्यादा उसको बचाना आर्थिक रूप से लाभकारी है !