Exclusive नंदी गोशाला : डेमेज कंट्रोल में जुटे भाजपा नेता, मुख्यमंत्री व गृहमंत्री से करेंगे मुलाकात
गोलासन स्थित विश्व की सबसे बड़ी नंदी गोशाला बंद करने की कवायद में सांचौर के पूर्व विधायक का नाम सामने आने के बाद बिगड़ते सियासी समीकरण ने भाजपा के अन्य नेताओं को भी चौकन्ना कर दिया। इसके साथ ही जिले में भाजपा के अन्य नेताओं ने डेमेज कंट्रोल के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके तहत सांसद देवजी पटेल जल्द ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मुलाकात कर सकते हैं। वहीं गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के नाकोड़ा यात्रा से लौटते समय आहोर विधायक शंकरसिंह राजपुरोहित रविवार को उनसे जालोर में मुलाकात करेंगे। इसके लिए गृहमंत्री ने आहोर विधायक को समय दे दिया है। गौरतलब है कि प्रशासन की ओर से नंदी गोशाला खाली करने के नोटिस के बाद संचालक ट्रस्ट ने गोशाला की चाबियां प्रशासन को सौंप दी थी। जानकारों की मानें तो नंदी गोशाला करीब चौदह हजार नंदी है। इनके लिए 120 टन चारे की आवश्यकता है। जबकि प्रशासन की ओर से अब तक महज 20-25 टन चारे की ही व्यवस्था हो पाई है। इधर, गोशाला संचालकों की ओर से आगामी १६ नवम्बर को सभी गोशालाओं की चाबियां प्रशासन को सौंपने की तैयारियां की जा रही है। ऐसे में जिले के एक लाख गोवंश के पालन पोषण की जिम्मेदार सरकार पर आ जाएगी। बहरहाल, भाजपा नेता इन्हीं हालात को संभालने के लिए मुख्यमंत्री व गृहमंत्री से मुलाकात कर उन्हें अवगत कराना चाह रहे हैं।
प्रशासन संभाल रहा गोशाला..
प्रशासन को गोशाला की चाबियां सौंपने के बाद शुरुआती दिनों में व्यवस्थाएं खासी गड़बड़ा गई थी, लेकिन शनिवार को सातवें दिन तक प्रशासन ने हालात पर बड़ी हद तक काबू कर लिया। संचालक ट्रस्ट ने गत रविवार को नंदीशाला की चाबियां प्रशासन को सौंपने के साथ ही गोशाला संचालन से इनकार किया था। जिस पर प्रशासन के सामने गोशाला संचालन का संकट उभर आया था। वहीं पिछले छह दिनों से प्रशासन के आगे चारे की विकट समस्या पैदा हो गई थी। चारे का संकट गहराने के बाद प्रशासन ने गोभक्तों से अपील कर आगे आने की बात कही। जिस पर बड़ी संख्या में गोभक्तों ने नंदीशाला के लिए चारे की व्यवस्था की है।
तीन दिन का चारा स्टॉक..
प्रशासन की ओर से गोभक्तों से अपील के बाद बड़ी तादाद में गोभक्तों ने आगे आकर गोशाला के लिए चारे की व्यवस्था में सहयोग किया। इसके साथ ही शनिवार को 17 ट्रक व 4 ट्रोली भरकार चारा गोशाला के लिए पहुंचा। इसे तीन दिन का स्टॉक माना जा रहा है। वहीं गोभक्तों के लगातार सहयोग के चलते चारे की समस्या से बड़ी हद तक छुटकारा मिलने की संभावना है। लेकिन बावजूद इसके गोशाला का संचालन प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है।
शुरू हुआ नंदियों का उपचार..
इधर, प्रशासन की ओर से नंदी गोशाला में बीमार नंदियों का उपचार शुरू किया गया है। गौरतलब है प्रशासन पर गोशााल के संचालन की जिम्मेदारी आने के बाद कई बीमार नंदियों की मौत हो गई थी। अब गोशाला में नंदियों के उपचार के लिए सात पशु कम्पाउंडर की व्यवस्था की गई है। वहीं बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारियों व मजूदरों को नंदियों की सेवा व नंदीशाला में साफ-सफाई की व्यवस्था में लगाया गया है। इसके साथ गोभक्तों एवं ग्रामीणों की ओर से भी पूरा सहयोग किया जा रहा है।