यह है देश की पहली गौमूत्र रिफाइनरी, यहां बेच सकते हैं गाय का गोबर और मूत्र
जालोर के सांचौर में गोधाम पथमेड़ा की ओर से देश का पहला गौमूत्र रिफाइनरी प्लांट लगाया गया है.
गौपालकों को गौमूत्र और गोबर से अच्छी आमदनी और अमृत समान गौ मूत्र को जन जन की पहुंच तक पहुंचाने के लिए सांचौर की गोधाम पथमेड़ा गौशाला में इस रिफाइनरी प्लांट की स्थापना की गई है.
गौमूत्र से आज देशभर में अधिकतर लोगो में फैल रही डाईबिटिस, हद्वयरोग जैसी गंभीर बिमारियों से देश को मुक्त करने को लेकर जालोर जिले के सांचौर की गोधाम पथमेड़ा गौशाला के संत दन्तचरणानन्द ने एक मुहिम शुरू की है. इससे गोधाम पथमेड़ा का सपना है कि आने वाले समय में लोग इन विभिन्न प्रकार की बिमारियों से पूरी तरह स्वस्थ हो पाएगे. इसे सच करने को लेकर संत दत्तचरणानन्द महाराज ने देश की पहली गौमूत्र रिफाईनरी की स्थापना की है. जिसका उद्घाटन चिकित्सा मंत्री राजेन्द्रसिंह राठौड़ ने किया. गौशाला में पहले छोटे स्तर पर गौमूत्र से अर्क बनाकर बिमारियों इलाज किया जा रहा था. लेकिन अब देशभर से बिमारियों को जड़ से भगाने का मिशन लिए देश का सबसे पहला प्लांट शुरू किया गया है.
2 रुपए किलो गोबर और 5 रुपए किलो मूत्र
गाय से लोग सिर्फ दूध ही बेचते हैं और गाय जब दूध देना बंद कर देती हैं मरने के लिए सड़को पर छोड़ देते हैं ऐसे में गोधाम पथमेड़ा के संत दंतचरणानन्द महाराज ने गौरक्षा की पहल करते हुए बिना दूध देने वाले गौवंश को बचाने की पहल करते हुए गोधाम पथमेड़ा में गोवंश के गोबर से गत्ते बनाने का काम बड़े पैमाने पर शुरू कर गोबर को दो रूपए किलो में खरीदना शुरू किया साथ ही साथ गौमूत्र भी पांच रुपए लीटर में खरीदना शुरू किया इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को गोवंश पालने में आसानी होगी वहीं आमदनी भी होगी इसको लेकर गांवो में अब गौमूत्र व गोबर संग्रहण केन्द्र भी खोले जाएगे.
गौरक्षा की मुहिम
संत दन्तचरणानन्द ने पांच गायों से इस गोधाम पथमेड़ा गौशाला से शुरूआत की थी. और आज यहां हजारों की संख्या में गौवंश का पालन हो रहा है. यह अपने आप में देश के लिए एक मिशाल है. उम्मीद की जानी चाहिए की अब गौवंश को बचाने को लेकर आम लोगो में भी जागरूकता फैलेगी. संत दन्तचरणानन्द महाराज के इस मिशन को रफ्तार मिल सकेगी.