गोपाल मणि जी महाराज ने किया जागरूक

गोपाल मणि जी महाराज ने किया जागरूक

जय गौ माता की 4 मार्च 2017 को गौ प्रतिष्ठा भारत यात्रा उड़ीसा में देश के 390 वे जिले गंजाम में पूज्य गुरुदेव गोपाल मणि जी महाराज ने जन जागरण के माध्यम से सेकड़ो लोगो को जाग्रत कर पूज्य गुरुदेव ने गौ भक्तो को 18 फ़रवरी 2018 गौ माता राष्ट्र माता का संकल्प दिलाया*

भारत के इतिहास में पहली बार हुआ

भारत के इतिहास

एक ऐसा आन्दोलन जो भारत के इतिहास में पहली बार हुआ था जब गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने हेतु ५ लाख से भी ज्यादा गौभक्तों ने दिल्ली में हुंकार भरी फिर भी सरकार की आँखे नही खुली , बिकाऊ भाड़ मिडिया आँखों पर पट्टी बांधकर बेठ गयी। इतनी बड़ी न्यूज़ की भनक तक ना पडने दी भाड़ मिडिया ने ।

अरे ऐ बिकाऊ मिडिया वालो इस बार 18 फरवरी 2018 को देख लेना .. ये लड़ाई आर या पार की होगी या तो हम नही रहेंगे या देश के गद्दार नही रहेंगे । और आखरी सांस तक हम लड़ते रहेंगे और गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाकर ही रहेंगे ।। @सुरेश क्रांति

आस्था की दृष्टि से देखा जाना चाहिए गाय को : पूज्य श्री गोपाल मणिजी

देश के 375 जिल्लो में गौमाता का प्रचार करते हुए बस्तर पहुचे गौक्रांति अग्रदूत गोपाल मणिजी जी ने रविवार को चेंबर सभागार में धेनु मानस गोकथा कही । उन्होंने गाय को हिन्दुओ की आस्था का प्रतीक बताते हुए कहा कि सरकार गाय को माता नही मानती। वह आंदोलन की भाषा समझती है और हमे लोगो में जनजागरण करना है । गाय को आस्था की दृष्टि से देखा जाना चाहिए । गाय को बचाने के लिए देश में अलग से गौ मंत्रालय हो । और विधालयो में 10 साल तक के बच्चो को गाय का दूध देना अनिवार्य किया जाए । आखिल भारतीय गौ रक्षा द्वारा आयोजित गौ प्रतिष्ठा भारत यात्रा के तहत पूज्य गोपाल मणिजी का बस्तर 376 वा पड़ाव है । धेनुमानस गौ कथा के संद

पर्यावरण और गाय

पर्यावरण और गाय
  • कृषि, खाद्य, औषधि और उद्योगों का हिस्सा के कारण पर्यावरण की बेहतरी में गाय का बड़ा योगदान है ।
  • प्राचीन ग्रंथ बताते हैं कि गाय की पीठ पर के सूर्यकेतु स्नायु हानिकारक विकीरण को रोख कर वातावरण को स्वच्छ बनाते हैं । गाय की उपस्थिति मात्र पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान है ।
  • भारत में करीब ३० करोड़ मवेशी हैं । बायो-गैस के उत्पादन में उनके गोबर का प्रयोग कर हम ६ करोड़ टन ईंधन योग्य लकड़ी प्रतिवर्ष बचा सकते हैं । इससे वनक्षय उस हद तक रुकेगा ।
  • गोबर का पर्यावरण की रक्षा में महत्वपूर्ण भाग है ।

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