गाय को गोमाता के रूप में मानना अत्यन्त वैज्ञानिक है
मां के दूध के बाद सबसे पौष्टिक आहार देसी गाय का दूध ही है । इसमें जीव के लिये उपयोगी ऐसे संजीवन तत्व है कि इसका सेवन सभी विकारों को दूर रखता है । जिस प्रकार मां जीवन देती है उसी प्रकार गोमाता पूरे समाज का पोषण करने का सामर्थ्य रखती है । इसमें माता के समान ही संस्कार देने की भी क्षमता है । देशज वंशों की गाय स्नेह की प्रतिमूर्ति होती है । गाय जिस प्रकार अपने बछडे अर्थात वत्स को स्नेह देती है वह अनुपमेय है, इसलिये उस भाव को वात्सल्य कहा गया है । वत्स के प्रति जो भाव है वह वत्सलता है । मानव को स्वयं में परिपूर्ण होने के लिये आत्मीयता के इस संस्कार की बडी आवश्यकता है । परिवार, समाज, राष्ट्र व पू