गौ माता के नाम पर केवल जय

गौ माता

श्री मान पता नहीं आप मेरे तर्क से सहमत होंगे या नहीं परन्तु मेरी धारणा है की, हिन्दू समाज के साधू ,,संत और अदि शंकराचार्य की निष्क्रियता ही समस्त समाज के पतन का कारण है,, चारों शंकराआचार्या जी अपने अपने मठों में मगन हैं,,बाकि के साधू संत अपने अपने आश्रमों में आनंदमयी जीवन व्यतित कर रहे हैं,,कोई धर्म संसद नहीं ,,कोई अनुशान नहीं ,,कोई दिशा निर्देश नहीं,,आज समाज का साधरण मानव गौ रक्षा के लिए जूझ रहा है,,परन्तु इस पुण्य कर्म के लिए साधू और संत समाज का योगदान नाम मात्र को ही मिल रहा है,, जबकि हमारे देश में असंख्य ऐसे मठ भी हैं जिनके पास सैंकढ़ों एकड़ जमीन है,,यदि समस्त साधू समाज चाहे तो एक आव्हा

किसको कहते हैं 'पवित्र गाय' ?

भारत में गाय का धार्मिक महत्व हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार गाय में देवी-देवता 'वास' करते हैं इसलिए इसे पावन माना जाता है और समाज में इसकी पूजा की जाती है. तो सवाल ये है कि वह गाय कौन सी है जिसे पूजनीय माना जाता रहा है ? क्या दुनिया की सारी गायें उतनी ही पवित्र हैं या फिर सिर्फ़ वही जो अखंड भारत में पैदा हुई हैं.

क्या ईस्लाम धर्म गौ वध करने ईजाजत देता है ?

1.गाय का दुध और घी तुम्हारी तंदुरुसती के लिए बहुत जरुरी है। उसका गोश्त नुकशानदेह और बीमारी पैदा करता है। जबकि उसका दुध भी दवा है l -हजरत मुहम्मद ( नासिहातै हादौ )

2.गाय का दुध बदन की खुबसुरती और तंदुरुस्ती बढाने का बङा जरिया है-हजरत मुहम्मद (बेगम हजरत आयशा से)

3.बिना शक तुम्हारे लिए चौपायो मे भी सीख है।गाय के पेट की चीजो में से गोबर और खुन के बीच में से साफ दुध,जो पीनेवालो के लिए स्वादवाला है,हम तुम्हे पिलाते है।(कुरान शरीफ 16-66)

4.मुगल बादशाह ने बताया है कि “मुस्लमान को गाय नही मारनी चाहिए।ऐसा करना हदीस के खिलाफ है” (मौलाना हयात साहब खानखाना हाली समद साहब)

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