गोपाअष्ठमी 2017 मुहर्त पूजा विधि ओर महत्व

गोपाष्टमी 2017 : कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी के त्यौहार रूप में मनाया जाता है गोपाष्टमी का पर्व गोवर्धन पर्वत से जुड़ा त्यौहार है | श्रीकृष्ण ने गौचारण लीला गोपाष्टमी के दिन शुरू की थी। कहा जाता है की द्वापर युग में श्री कृष्ण भगवान ने गोवर्धन पर्वत को कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा को ब्रज वासियों की भारी वर्षा से रक्षा करने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठा लिया था | श्री कृष्ण भगवान की इस लीला से सभी ब्राज़ वासी उस पर्वत के निचे कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से लेकर सप्तमी तक रहे तब जाकर इन्द्र देव को पछतावा हुआ | और इन्द्र देव को वर्षा रोकनी पड़ी | तब से लेकर आज तक गोवर्धन पर्वत

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"गाय" ........... आप इस शब्द का उच्चारण मात्र कीजिये

"गाय" ........... आप इस शब्द का उच्चारण मात्र

"गाय" ........... आप इस शब्द का उच्चारण मात्र
कीजिये , देखिएगा आपको कितनी आत्म -संतुष्टि मिलेगी |
जी हाँ ! आज का मेरा विषय "गौ माँ" ही है | दोस्तों !!
क्या कभी आपने सोचा है , की एक औरत , किसी दुसरे के
बच्चे को अपना दूध बिना किसी मज़बूरी के
पिला सकती है क्या ?
जवाब मैं देता हूं आपको ---कदापि नहीं |
जी हाँ जब तक कोई ख़ास मज़बूरी ना पड़े , कोई भी औरत
अपना दूध किसी और के बच्चे के साथ नहीं बाँट
सकती ,,,,,,फिर भी वो महान कहलाती है |
तो आप गाय माँ को क्या कह कर पूजेंगे ?? /वो तो एक -

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क्या आप जानते हैं गो सेवा करने के क्या- क्या लाभ हैं-

क्या आप जानते हैं गो सेवा करने के क्या- क्या लाभ हैं-

जहां गाय बैठती है, वहां की भूमि पवित्र होती है । गाय के चरणों की धूली भी पवित्र होती है। क्या आप जानते हैं गो सेवा करने के क्या-
क्या लाभ हैं-
1. भगवत्प्रेम की प्राप्ति होती है।
2. जन्म-मरण से मुक्ति मिलती है।
3. संतोष मिलता है।
4. धन में वृद्धि होती है।
5. पुण्य की प्राप्ति होती है।
6. संतान की प्राप्ति होती है।
7. दु:ख दर्द दूर होते हैं।
8. ताप-संताप दूर होते हैं।
9. हृदय प्रफुलिलत होता है।
10. मन को शान्ति मिलती है।
11. स्वास्थ्य लाभ होता है।
12. तृप्ति का अनुभव होता है।
13. मनुष्य जनम सफल होता है।

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