युधिष्ठिर ने यक्ष के प्रश्न ‘‘अमृत किम् ?’’ के उत्तर में ‘‘गवाऽमृतम्’’ कहा था।
गर्ग संहिता गोलोक—खण्ड अध्याय—४ में लिखा है:— जिस गोपाल के पास पाँच लाख गाय हों उसे उपनंद और जिसके पास नव लाख गायें हो उसे नंद कहते हैंं। दस हजार गायों के समूह को व्रज अथवा गोकुल कहने में आता था।
इससे ये बात तो स्पष्ट हो जाती है कि ‘गाय’ द्वापर युग से ही हमारे अर्थतंत्र का मुख्य आधार रही है।
युधिष्ठिर ने यक्ष के प्रश्न ‘‘अमृत किम् ?’’ (अमृत क्या है?) के उत्तर में ‘‘गवाऽमृतम्’’ (गाय का दूध) कहा था।