gauparivar's blog

दूध की संरचना

आमतौर पर दूघ में,
83 से 87 प्रतिशत तक पानी
3.5 से 6 प्रतिशत तक वसा (फैट)
4.8 से 5.2 प्रतिशत तक कार्बोहाइड्रेड

3.1 से 3.9 प्रतिशत तक प्रोटीन होती है। इस प्रकार कुल ठोस पदार्थ 12 से 15 प्रतिशत तक होता है। लैक्टोज़ 4.7 से 5.1 प्रतिशत तक है। शेष तत्व अम्ल, एन्जाईम विटामिन आदि 0.6 से 0.7 प्रतिशत तक होते है।

गाय के दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन 2 प्रकार के हैं। एक ‘केसीन’ और दूसरा है ‘व्हे’ प्रोटीन। दूध में केसीन प्रोटीन 4 प्रकार का मिला हैः

भारतीय गोवंस अनेक गुणों वाला है

भारतीय गोवंस अनेक गुणों वाला है

1. बुद्धिवर्धकः खोजों के अनुसार भारतीय गऊओं के दूध में ‘सैरिब्रोसाईट’ नामक तत्व पाया गया है जो मस्तिष्क के ‘सैरिब्रम को स्वस्थ-सबल बनाता है। यह स्नायु कोषों को बल देने वाला, बुद्धि वर्धक है।

2. गाय के दूध से फुर्तीः जन्म लेने पर गाय का पछड़ा जल्दी ही चलने लगता है जबकि भैंस का पाडा रेंगता है। स्पष्ट है कि गाय एवं उसके दूध में भैंस की अपेक्षा अधिक फुर्ती होती है।

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आखिर कौन सा दूध जहर है कौन सा अमृत

कौन सा दूध

आखिर कौन सा दूध जहर है कौन सा अमृत । आज दूध1 प्रत्येक परिवार की जरुरत है दूध2 हमेशा रात को ही पीना चाहिए महर्षि बांगभट्ट जी के अष्टांगहृद् यम ग्रन्थ के हिसाब से दूध को पचाने वाले एंजाइम केवल रात को चन्द्रमा की शीतलता में ही पैदा होते है ।माताये अपने नन्हे मुन्हे बच्चों को सुबह सुबह जबर दस्ती दूध पिलाकर स्कुल भेजती है यह गलत है कई बच्चे तो उलटी भी कर देते है इसलिए बच्चों को को दूध रात को ही देना चहिये तभी संपूर्ण आहार होगा ।

गाय का अर्थव्यवस्था के लिए योगदान

गाय का अर्थव्यवस्था

गाय के लिए इस देश के लोगों के मन में श्रद्धा किसी अंधविश्वास या धार्मिक अनुष्ठान के कारण नही वरण 
गाय की उपयोगिता के कारण है. कृषि, ग्राम उद्द्योग, यातायात के अलावा दूध, दही और छाछ,गौमूत्र और गोबर विभिन्न प्रयोजनों के लिए उपयोगी होते हैं. यहां तक ​​कि उसकी मौत के बाद, चर्म विभिन्न वस्तुओं के निर्माण का साधन और गाय के सींग और शरीर के अन्य भाग का खाद बनाने में उपयोग किया जाता है, जो मिट्टी के लिए पोषक तत्वों में बहुत अमीर है और कृषि दृष्टि से बहुत कीमती है 

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