gauparivar's blog

घर घर में गोपालन हो

घर घर में गोपालन हो । अपने हाथ से गोसेवा करने का सौभाग्य हर परिवार को प्राप्त हो । प्रत्यक्ष जिनके भाग्य में यह गोसेवा नहीं वे रोज गोमाता का दर्शन तो करें । मन ही मन पूजन, प्रार्थना करें व प्रतिदिन अपनी आय का कुछ भाग इस हेतु दान करें । किसी ना किसी रूप में गाय हमारे प्रतिदिन के चिंतन, मनन व कार्य का हिस्सा बनें । यही मानवता की रक्षा का एकमात्र उपाय है ।

गौमाता के दर्शन मात्र से ऐसा पुण्य प्राप्त होता है

गौमाता के दर्शन मात्र से ऐसा पुण्य प्राप्त होता है

भारत में वैदिक काल से ही गाय का महत्व माना जाता है। आरम्भ में आदान-प्रदान एवं विनिमय आदि के माध्यम के रूप में गाय का उपयोग होता था और मनुष्य की समृद्धि की गणना उसकी गौसंख्या से की जाती थी।

हिन्दू धार्मिक दृष्टि से भी गाय पवित्र मानी जाती है तथा उसकी हत्या महापातक पापों में मानी जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जो चौदह रत्न प्रकट हुए थे उनमे से गौ “कामधेनु”भी एक रत्न है। पूज्य गौमाता अहिंसा, करुणा, ममत्व वात्सल्यादि दिव्य गुणों को पुष्ट करती है।

मां के दूध के बाद सबसे पौष्टिक आहार देसी गाय का दूध ही है ।

मां के दूध के बाद सबसे पौष्टिक आहार देसी गाय का दूध ही है ।

गाय का यूं तो पूरी दुनिया में ही काफी महत्व है, लेकिन भारत के संदर्भ में बात की जाए तो प्राचीन काल से यह भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रही है। चाहे वह दूध का मामला हो या फिर खेती के काम में आने वाले बैलों का। वैदिक काल में गायों की संख्‍या व्यक्ति की समृद्धि का मानक हुआ करती थी। दुधारू पशु होने के कारण यह बहुत उपयोगी घरेलू पशु है।

गौमूत्र के लाभ 

गौमूत्र के लाभ 
  • कब्ज को दूर करता है – गोमूत्र को साफ कपडे में छान कर पीने से कब्ज जैसी बीमारियों को दूर किया जा सकता है |
  • खुजली – यदि आप खुजली जैसी बीमारियों से परेसान है तो गोमूत्र से मालिश यह फिर गोमूत्र से स्नान करे ऐसा करने से आप के शरीर से खुजली की परेशानी दूर हो जाएगी|
  • दाद – धतूरे के पत्ती को पिस कर इसे गोमूत्र में गाढ़ा होने तक उबल ले | अब इसे ठंडे होने के बाद दादा में लग कर कुछ देर सूखने के बाद साफ पानी से धो ले | इस प्रक्रिया को हफ्ते में दो बार करने सेदाद से जल्द छुटकारा मिलता है |
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