प्रभु ---आप तो हर जगह हो -फिर इतना सब्र कैसे ।
प्रभु ---आप तो हर जगह हो -फिर इतना सब्र कैसे ।
क्यों गौ -को माँ का दर्जा देकर -आप बेफिक्र कैसे ।।१-
कितना दुःख -सब्र करेगा हिन्दू -इन कन्सो से ।
बाबर गजनी -अंग्रेज और रावन के इन वन्सो से ।।२-
अब तो सहन नहीं होता है -रात दिन बेचैन किया ।
भारत में -अपनों ,गैरों ने -दुःख अपरम्पार दिया ।।३-
मानवता की हत्या हो रही -दर्द कीसीमा पार हुई ।
जीवन जीना दुर्लभ हो गया -बे पर्दा अब नार हुई ।।४-
लुट मची है धनवानों की -मरता रोज़ गरीब है ।
क्या मै समझू मेरे कृष्णा -कलयुग अंत करीब है ।।५-
कैसे होगा अंत नीच का -राम तुम्हे आना होगा ।