गोरक्षा हमारा परम कत्र्तव्य, गोमाता सुखी तो विश्व सुखी
॥ श्रीसुरभ्यै नम:॥ गावो विश्वस्य मातर:॥
॥ अति महत्वपूर्ण बिन्दु॥
गोघातियों एवं गो- अपराधियों का परोक्ष- अपरोक्ष समर्थन करना भी गोघातरूपी महापाप ही है। इस सम्बन्ध में शास्त्रों द्वारा उल्लेखित बिन्दु-
(01.)जो मूर्ख लोग, गोवंश को डॉटते तथा मारते- पीटते है वे गौओं के दु:खपूर्ण नि:श्वास से पीङित होकर घोर नरकाग्नि में पकाये जाते है। (यदि कोई मारने वाली गोमाता घर में आ गयी है तो) उससे सूखे पलाश के डंडे से हटा दें और उससे यह कहें कि तुम डरो मत, वापस चली जाओ।