Skahore's blog

गौमाता को कैसे करें प्रसन्न ?

हिंदू धर्म में गौमाता, धेनु, गाय की पवित्रता और महत्व को माना गया है। गाय की सेवा करने से हमारे सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है, सभी प्रकार के सुख मिलते हैं। गाय की पूजा की जाना चाहिए लेकिन यह कम ही लोग जानते हैं गाय को प्रसन्न कैसे किया जाए ? यदि गाय हमारी सेवा से प्रसन्न हो जाती है तो हमारे सभी बिगड़े काम बन जाते हैं और परेशानियां दूर हो जाती हैं। गौमाता की विधिवत पूजा के साथ ही हमें उसे सहलाना चाहिए। गाय की पीठ, मुंह पर हाथ फेरने से गाय अतिप्रसन्न होती है। गाय को घास खिलानी चाहिए। गाय की ऐसी सेवा से वह खुश हो जाती है और हमें आशीर्वाद देती ह

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जीरो बजट या कुदरती खेती क्या है ?

जीरो बजट की खेती

जीरो बजट खेती  का अर्थ है  की  चाहे  कोई भी  फसल हो उसका उपज मोल ज़ीरो होना चाहिए। (कॉस्ट ऑफ़ प्रोडक्शन विल बी जीरो ) कुदरती खेती मैं इस्तेमाल होने  वाले साधन बाजार  से  खरीद  कर नहीं डाले  जाने चाहिए। वो सरे  साधन और तत्व पौधे  की जड़ों के आस पास  ही पड़े  होते हैं। अलग से  बन  बनाया  कुछ  भी डालने  की  जरूरत  नहीं   है। हमारी धरती  पूर्ण तरह से पालन हार  है।

हमारी फसलें धरती से  किनते  प्रतिशत  तत्त्व लेती  हैं ?

गौ - चिकित्सा भाग - 1

१ - थनेला रोग - गाय के थन में गाँठ पड़ जाना व थन मर जाना एेसे मे । अमृतधारा १०-१२ बूँद , एक किलो पानी में मिलाकर ,थनो को दिन मे ३-४ बार धोयें यह क्रिया ५ दिन तक करे । और गाय को एक मुट्ठी बायबिड्ंग व चार चम्मच हल्दी प्रतिदिन देने से लाभ होगा ।एक मसरी की दाल के दाने के बराबर देशी कपूर भी खिलाऐ । २ - कलीली,जूँएँ ,घाव के कीड़े व पेट के कीड़े - एक मुट्ठी हल्दी व एक मुट्ठी बायबिड्ंग प्रतिदिन देने से ५-७ दिन देने से पेट के कीड़े ,घाव के कीड़े , कलीली, जूँएँ , अन्य कीड़े सभी मर जाते है । ३ - थनेला- सीशम के मुलायम पत्ते लेकर बारीक पीसकर सायं के समय थनो पर लेप करें और प्रात: २५० ग्राम नीम की पत्तियाँ

कृषि में गोमूत्र और गोबर का महत्व

भारत में और भारत के अतिरिक्त अन्य देशों में गाय का महत्व मुख्य रूप से दूध और दूध से बने अन्य व्यंजनों के लिए किया जाता है। किन्तु, गाय के मूत्र और गोबर का महत्व कुछ कम नहीं है। हम सभी कृषि में खाद के उपयोग और महत्व को भली-भांति परिचित हैं। अच्छी फसल के लिए केंचुए की खाद, सड़ी-गली पत्तियों की खाद,रासायनिक खाद आदि इस्तेमाल किए जाते हैं।इसके अतिरिक्त गोमूत्र और गोबर उत्तम उर्वरक के रूप में प्रयोग किए जाते हैं। प्राकृतिक उर्वरक गोमूत्र और गोबर सर्वश्रेष्ठ उर्वरक हैं, क्योंकि रासायनिक उर्वरक जहाॅं एक ओर फसलोत्पादन में वृद्धि करते हैं, वहीं खाद्य पदार्थों में और भूमि में पहुॅंच कर उन्हें विषाक्त भ

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