स्वंत्रता के जंग की प्रथम प्रेरणा - " गौ माता "
मंगल पांडेय के विरोध का कारण यहाँ गौ ही थी । गाय के मॉस से बनी कारतूस का उपयोग न करना उनके के लिए और हर भारतवासी के लिए माननीय नहीं था । और आज हम भारत माँ के संताने स्वतंत्र होने के बाद अपनी ही गौ माँ का मॉस खा रहें हैं । गांधी जी भी कहेते थे कि या तो स्वंत्रता दे दो या तो ये गौ हत्या (कतलखाने) बंद करवा दो और इन दोनों में उन्होंने गौ हत्या बंद करवाने को प्राथमिकता क्यूंकि वे जानते थे की अगर गौ बचेगी तो देश बचेगा ।केवल नाम की स्वत्रंता ही नहीं बल्कि वही गौरवशाली भारत के लिए गौ रक्षा बहुत जरूरी है । स्वतंत्रता का अर्थ है अपना तंत्र (व्यवस्था) अपने स्वाभिमान और समझ से बानायी हुई , पर ऐसा है ही