Skahore's blog

हैरान कर देने वाली बात दूध नहीं देती गाय फिर भी सालाना 3.50 करोड़ का मुनाफा पर कैसे ?

हरियाणा लाडवा : इनके गोशाला में एक भी गाय दूध नहीं देती, फिर भी इनका सालाना मुनाफा करीब 3.50 करोड़ रुपये हैं, है ना चौकाने वाली बात. ऐसा भी नहीं है कि ये किसी अनैतिक व्यापार के जरिये इतना पैसा कमाते हैं. बल्कि इन्होने इस व्यापार के लिए उन गायों को चुना जिन्हें, दूध न दे पाने के कारण लावारिस छोड़ दिया जाता है. कई तरह की बीमारियों के कारण सड़कों पर ये गायें लावारिस पड़ी रहती हैं. ऐसे गायों को एक-एक कर गोशाला में लाकर पहले तो ये सबका इलाज करवाते हैं. फिर इन गायों की सही से देख रेख शुरु होता है, इनका पूरा व्यापार गोबर और गोमूत्र पर चलता है. ये पूरी कहानी है Haryana के लाडवा की.

कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था में गाय की भूमिका

भारतीय संस्कृति में गाय का महत्व, गायत्री गंगा और गीता से भी बढ़कर है, क्योंकि गायत्री की साधना में कठिन तपस्या अपेक्षित हैं, गंगा के सेवन के लिये भी कुछ त्याग करना ही पड़ता है और गीता को जितनी बार पढ़ोगे उसमें हर बार कुछ न कुछ नया मिलता है, जिसका रहस्य समझना कठिन है, लेकिन गौ का लाभ तो घर बैठे ही मिल जाता है। वेदों का कथन है कि यदि किसी को इस माया राज्य में सब प्रकार का वैभव प्राप्त करना है तो गौ माता की प्रमुख रूप से सेवा करें। यहाँ प्रश्न पैदा होता है कि गौ की महिमा का शास्त्रों में जो वर्णन है, क्या उसे सत्य माना जा सकता है ?

Exclusive नंदी गोशाला : डेमेज कंट्रोल में जुटे भाजपा नेता, मुख्यमंत्री व गृहमंत्री से करेंगे मुलाकात

गोलासन गौशाला , नंदीशाला

गोलासन स्थित विश्व की सबसे बड़ी नंदी गोशाला बंद करने की कवायद में सांचौर के पूर्व विधायक का नाम सामने आने के बाद बिगड़ते सियासी समीकरण ने भाजपा के अन्य नेताओं को भी चौकन्ना कर दिया। इसके साथ ही जिले में भाजपा के अन्य नेताओं ने डेमेज कंट्रोल के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके तहत सांसद देवजी पटेल जल्द ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मुलाकात कर सकते हैं। वहीं गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के नाकोड़ा यात्रा से लौटते समय आहोर विधायक शंकरसिंह राजपुरोहित रविवार को उनसे जालोर में मुलाकात करेंगे। इसके लिए गृहमंत्री ने आहोर विधायक को समय दे दिया है। गौरतलब है कि प्रशासन की ओर से नंदी गोशाला खाली करने के नो

जीण घर में गाय रे गौबर रो गारों

देसी गाय का गोबर है महाऔषधी- हमारे देश में प्राचीन काल से ही गाय को माता का पवित्र स्थान दिया गया है. और बड़े-बड़े रिसर्च में भी गाय की हर चीज को महाँ औषधी के रूप में प्रमाणित कर दिया गया है. गौमाता किसी बड़े औषधालय से कम नहीं है । इसमें अनेकों गुण कूट-कूट के भरे हुए हैं. इसका दूध, गोबर, मूत्र सभी बहुत ही उपयोगी है. और इनसे बहुत सी दवाएं तैयार होती हैं.

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