धेनु: सदनम् रचीयाम्
आज यत्र—तत्र—सर्वत्र शाकाहार की चर्चा है किन्तु धर्मप्राण देश भारत, जहां की संस्कृति में गाय को माता तुल्य आदर प्राप्त है, वहां मांसाहार तथा मांसनिर्यात हेतु गो हत्या अत्यन्त शर्मनाक है। अहिल्या माता गोशाला जीव दया मण्डल ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस निबन्ध प्रतियोगिता में सम्पूर्ण देश से ५६ प्रविष्टियाँ प्राप्त हुर्इं थीं। निर्णायक मण्डल ने कु. पटेल के आलेख को प्रथम घोषित किया। जनरुचि का विषय होने तथा शाकाहार के प्रचार में महत्वपूर्ण होने की दृष्टि से अर्हत् वचन के पाठकों के लिये यह आलेख प्रस्तुत है।
धेनु: सदनम् रचीयाम्’’ (अर्थववेद—११.१.३४)