गौभक्त विचार

गोरक्षक: महात्मा रामचन्द्र वीर

गोरक्षक: महात्मा रामचन्द्र वीर

रामचन्द्र वीर (जन्म १९०९ - मृत्यु २००९) एक लेखक, कवि तथा वक्ता और धार्मिक नेता थे। उन्होंने 'विजय पताका', 'हमारी गोमाता', 'वीर रामायण' (महाकाव्य), 'हमारा स्वास्थ्य' जैसी कई पुस्तकें लिखीं। भारत के स्वतन्त्रता आंदोलन, गोरक्षा तथा अन्य विविध आन्दोलनों में कई बार जेल गये। विराट नगर के पञ्चखंड पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेन्द्र उनके पुत्र हैं।

गोवंश विनाश का एक और आयाम

* वैटनरी वैज्ञानिकों को सिखाया-पढाया गया है कि पोषक आहार की कमी से गऊएं बांझ बन रही हैं। वैग्यानिकों का यह कहना आंशिक रूप से सही हो सकता है पर लगता है कि यह अधूरा सच है। इसे पूरी तरह सही न मानने के अनेक सशक्त कारण हैं।

* बहुत से लोग अब मानने लगे हैं कि शायद करोडों गऊओं के बांझ बनने का प्रमुख  कारण कृत्रिम गर्भाधान है ?

* संन्देह यह भी है कि कहीं न्यूट्रीशन को बांझपन का प्रमुख कारण बताकर बांझपन के वास्तविक कारणों को छुपाया तो नहीं जा रहा ?

गौ के प्रति श्रद्घाभाव रखने से ही बचेगी मानवता : रविकांतसिंह

गौ , श्रद्धाभाव , मानवता

नई दिल्ली। गौमाता इस देश के लिए प्राचीन काल से ही पूजनीया रही है। उसके गुणों से प्रभावित होकर ही हमारे पूर्वजों ने गाय को यह सम्मानित स्थान दिया था। यही कारण है कि आज तक भी इस देश में गौमाता के प्रति सम्मान व्यक्त करने वाले, उसकी रक्षा को अपना जीवनव्रत घोषित करके चलने वालों की देश में कमी नही है। ऐसी ही एक शख्सियत हैं-श्री रविकांतसिंह। जिन्होंने मध्य प्रदेश के जनपद मैहर में गौशाला का निर्माण कराया है।

महामहिमामयी गौ हमारी माता है

महामहिमामयी गौ हमारी माता है

महामहिमामयी गौ हमारी माता है उनकी बड़ी ही महिमा है वह सभी प्रकार से पूज्य है गौमाता की रक्षा और सेवा से बढकर कोई दूसरा महान पुण्य नहीं है|

१. गौमाता को कभी भूलकर भी भैस बकरी आदि पशुओ की भाति साधारण नहीं समझना चाहिये गौ के शरीर में “३३ करोड़ देवी देवताओ” का वास होता है. गौमाता श्री कृष्ण की परमराध्या है, वे भाव सागर से पार लगाने वाली है|

२. गौ को अपने घर में रखकर तन-मन-धन से सेवा करनी चाहिये, ऐसा कहा गया है जो तन-मन-धन से गौ की सेवा करता है. तो गौ उसकी सारी मनोकामनाएँ पूरी करती है. |

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