गौभक्त विचार

गाय, गोपाल, गीता, गायत्री तथा गंगा धर्मप्राण भारत के प्राण हैं

गाय, गोपाल, गीता, गायत्री तथा गंगा धर्मप्राण भारत के प्राण हैं

गौमाता में हैं समस्त तीर्थ
गाय, गोपाल, गीता, गायत्री तथा गंगा धर्मप्राण भारत के प्राण हैं, आधार हैं। इनमें मैं गौमाता को सर्वोपरि महत्व है। पूजनीय गौमाता हमारी ऐसी माँ है जिसकी बराबरी न कोई देवी-देवता कर सकता है और न कोई तीर्थ। गौमाता के दर्शन मात्र से ऐसा पुण्य प्राप्त होता है जो बड़े-बड़े यज्ञ दान आदि कर्मों से भी नहीं प्राप्त हो सकता।

जब सबको दूध पिलाया, मैं गौ माता कहलाई,

जब सबको दूध पिलाया, मैं गौ माता कहलाई,

ए हिंद देश के लोगों, सुन लो मेरी दर्द कहानी।
क्यों दया धर्म विसराया, क्यों दुनिया हुई वीरानी।

जब सबको दूध पिलाया, मैं गौ माता कहलाई,
क्या है अपराध हमारा, जो काटे आज कसाई।
बस भीख प्राण की दे दो, मै द्वार तिहारे आई,
मैं सबसे निर्बल प्राणी, मत करो आज मनमानी॥

जब जाउँ कसाईखाने, चाबुक से पीटी जाती,
उस उबले जल को तन पर, मैं सहन नहीं कर पाती।
जब यंत्र मौत का आता, मेरी रुह तक कम्प जाती,
मेरा कोई साथ न देता, यहाँ सब की प्रीत पहचानी॥

गौ माता से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी ।

गौ माता से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी ।

गाय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी ।

1. गौ माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है । वहां वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं ।

2. जिस जगह गौ माता खुशी से रभांने लगे उस जगह देवी देवता पुष्प वर्षा करते हैं ।

3. गौ माता के गले में घंटी जरूर बांधे ; गाय के गले में बंधी घंटी बजने से गौ आरती होती है ।

4. जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है ।

5. गौ माता के खुर्र में नागदेवता का वास होता है । जहां गौ माता विचरण करती है उस जगह सांप बिच्छू नहीं आते ।

हम गौ सेवा कैसे करें?

हम गौ सेवा कैसे करें?

हम गौ सेवा कैसे करें?
हम गौ सेवा कैसे करें , कई लोगों के मन में यह सवाल रहता है ,
इसकेलिए यह जानना जरुरी है की हम गौ सेवा निम्न प्रकार से कर सकते है :-

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