गावो भगो गावः इन्द्रो म इच्छाद्रावः सोमस्य प्रथमस्य भक्षः
वेदों में गाय का महत्व अतुलनीय व श्रेष्ठतम है। गाय रुद्रों की माता, वसओं की पुत्री, अदिति पुत्रों की बहन तथा अमृत का खजाना है। अथर्ववेद के 21वें सूक्त को गौ सूक्त कहा जाता है। इस सूक्त के ऋषि ब्रह्मा तथा देवता गऊ है। गायें हमारी भौतिक व आध्यात्मिक उन्नति के प्रधान साधन है। मनुष्य को धन–बल–अन्न व यश पाने के लिए गऊ सूक्त का रोज़ पाठ करना चाहिए। आरोग्य व पराक्रम पाने के लिए गाय के दूध, मक्खन व घी का सेवन करने से पूर्व इस सूक्त का पाठ मात्र करने से सर्वारिष्ट शांत होते है।
माता रुद्राणां दुहिता वसूनां स्वसादित्यनाममृत्सय नाभिः।