मोदी में अगर दम है तो 3 करोड़ 32 लाख 50 हजार एकड़ ज़मीन है गोचर भूमि की बस इसको खाली कर दो।बिना गोचर भूमि के गौमाता की रक्षा नही हो सकती । गौमाता चारे के अभाव में भूखी मर है गौशाला के अन्दर सडको पर पालीथीन खा रही है और सरकार 500 करोड़ देकर चमत्कार कर रही है। गौमता को तुम्हारा अहसान नही चाहिए मोदी जी बस कत्लखाना बंद कर दो और गोचर भूमि खाली कर दो। गौहत्या करने वालो को मौत की सजा दे दो। विदेशी नस्ल को भारत में बंद कर दो। 5लाख करोड़ कारोबार है गौमांश चमडा और अन्य चीजो से। अगर सरकार 500 करोड़ दे रही है तो कोई एहसान नही कर रही है गौरक्षा आन्दोलन को कमजोर कर रही है। ये वैसे ही बात है जैसे सरकार शराब बेच
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जय गौमाता जय गोपाल...
2 मिनट का समय निकालकर मेसेज को पूरा पढ़े ..!
मित्रो मोदीजी के एक छोटे से ब्यान के कारण आपियो को एक मौका सा मिल गया है हिन्दुओ को बिखेरने का ,देश तोड़ने का.
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मित्रो आज मुझे एक मैसेज मिला उसमे लिखा है कि मोदीजी ने गौ रक्षको को गुंडा बताया है इसलिए हम एक नई पार्टी बनाने जा रहे है जिसका नाम गाय से जुड़ा हो , और उन्होंने गौ भक्तो से अपील भी है ,की सभी गौ भक्त मीटिंग में पधारे और अपना अपना रजिस्टेशन करवाये....
अंग अंग में देवता, बहे दूध की धार || वैतरणी दे पार कर, पूजे सब संसार ||
अंग अंग में देवता, बहे दूध की धार || वैतरणी दे पार कर, पूजे सब संसार ||
युगों-युगों से गौमाता
हमें आश्रय देते हुए
हमारा लालन-पालन
करती आ रही है
हमारी जन्मदात्री माँ तो
हमें कुछ ही बरस तक
दूध पिला सकी
परन्तु यह पयस्विनी तो
जन्म से अब तक
हमें पय-पान कराती रही
हमारी इस नश्वर काया
की पुष्टता के पीछे है
उसके चारों थन
जिस बलवान शरीर
पर हमें होता अभिमान
वह विकसित होता
इस गोमाता के समर्पण से
भारतीय चिंतनपद्धति में, चाहे वह किसी भी पंथ या मान्यता से अनुप्राणित हो, गाय को आदिकाल से ही पुज्यनीय माना गया हैं, और उसके बध को को महापाप समझा जाता रहा है। वेदो, शास्त्रों, एव पुराणो के अलावा कुरान, बाइबिल, गुरुग्रन्थं साहिब तथा जैन एंव बौद्ध धर्मग्रन्थों में भी गाय को मारना मनुष्य को मारने जैसा समझा जाता है। कुरान में आया है कि गाय की कुर्बानी इस्लाम धर्म कर खिलाफ है। इस प्रकार देखा जाये तो सभी धर्मों नें गाय की महत्ता को समान रुप से सर्वोपरि माना है। लेकिन इन सबके बावजुद कुछ निकम्मे व कूठिंत सोच वाले लोग है जो की कहते है बिना गाय की बली दिये हुए त्योहार अधुरा रह जाता है। ये वे समय है जब