'गाय' शब्द का अर्थ
वेदों और शब्द "गो ", जो अंग्रेजी शब्द स्मृती' में एक व्यापक अर्थ है. 'गाय' के लिए कहा गया है, इसमें केवल गाय, बैल और बछडे बल्कि दूध, गौमूत्र और गोबर भी शामिल है.हमारे लिए, 'गाय' मूल रूप से हमारे स्वदेशी नस्लों की गाय, जिसमे कुछ निहित दिव्य और प्रमाणित गुण है, 50 से अधिक स्वदेशी नस्लों, जिनमें से कुछ के नाम नीचे का उल्लेख कर रहे हैं
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गाय मईया की महिमा तो अपार है जिसका उलेख शास्त्रों और पुराणों में वर्णित है संत महात्माओ ने गो माता की महिमा के सम्बन्ध में अनेको व्याख्यान दिए है !
मातर: सर्वभूतानां गाव:
गाय सनातन संस्कृति की रीढ़ है !वेद शास्त्रों के अनुसार गाय माता पृथ्वी के समस्त प्राणियो की जननी है !
गाय के सींगो में ब्रह्मा,ललाट में शंकर,कानो में अश्वनी कुमार,नेत्रों में सूर्य चन्द्र,जीवा में पृथ्वी, पीठ पर नक्षत्रगण,गोबर में महालक्ष्मी,और थनों में चारो समुद्र निवास करते है !
आपने देखा होगा कि किसी भी धार्मिक कार्यों में गाय के गोबर से स्थान को पवित्र किया जाता है। गाय के गोबर से बने उपले से हवन कुण्ड की अग्नि जलाई जाती है। आज भी गांवों में महिलाएं सुबह उठकर गाय गोबर से घर के मुख्य द्वार को लिपती हैं। माना जाता है कि इससे लक्ष्मी का वास बना रहता है। प्राचीन काल में मिट्टी और गाय का गोबर शरीर पर मलकर साधु संत स्नान भी किया करते थे।
गौ या गाय हमारी संस्कृति की प्राण है। यह गंगा, गायत्री, गीता, गोवर्धन और गोविन्द की तरह पूज्य है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी महोत्सव मनाया जाता है।
मान्यता के अनुसार कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से लेकर सप्तमी तक भगवान
श्रीकृष्ण ने गोवर्धनपर्वत धारण किया था। आठवें दिन इंद्र अहंकाररहित श्रीकृष्ण की शरण में आए तथा क्षमायाचना की। तभी से कार्तिक शुक्ल अष्टमी को गोपाष्टमी का उत्सव मनाया जा रहा है।
ऐसे मनाएं महोत्सव
यदि हम गौओं की रक्षा करेंगे तो गायें भी हमारी रक्षा करेंगी।
गांव की आवश्यकता के अनुसार प्रत्येक घर में तथा घरां के प्रत्येक समूह में एक गो शाला होनी चाहिए।
दूध गरीब-अमीर सबको मिलना चाहिए।
गृहस्थों को पर्याप्त गोचरभूमि मिलनी चाहिए।
गौओं को बिक्री के लिए मैलों में भेजना बिल्कुल बंद कररना चाहिए, क्योंकि इससे कसाइयों को गाय खरीदने में सुविधा होती है
किसानों की स्थिती सुधार के लिए दिये जाने वाले इन सुझावों तथा अन्य सुझावों को कार्यरूप में परिणित करने
के लिए ग्राम पंचायतोंका निर्माण होना चाहिए। -