भारत में पशुधन आज भी ऊर्जा का शक्तिशाली स्रोत है। पिछड़ेपन का प्रतीक मानी जाने वाली बैलगाड़ी हमारे देश के सारे के सारे बिजली घरों से अधिक ऊर्जा देती है। यदि पशुओं को उनके काम से हटाना हो तो हमें अतिरिक्त ऊर्जा के लिये लगभग ३००० अरब रूपये खर्च करने पड़ेंगे। देश के बोझा ढ़ोने वाले पशुओं की संख्या १२ करोड़ मानी जाती है। यदि प्रतिपशु आधा हार्स पावर ऊर्जा मानी जाय तो इनसे हमें ६ करोड़ हार्सपावर ऊर्जा मिलती है।
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ईश्वर ने हरेक प्रजा को भले ही फिर वह भारतीय हो, अफगानिस्तानी हो या यूरोपीय हो, शारीरिक और बौद्धिक शक्ति बराबर दी है। इस सम्पत्ति को मानव स्वयं के कर्म से घटा—बढ़ा सकता है। जिस प्रजा या मानव में यह सम्पत्ति अधिक है व मानव अथवा प्रजा कम संपत्ति वाले मानव या प्रजा पर राज्य करते हैं। रामायण, महाभारत जैसे ग्रंथ इसके साक्षी हैं कि उस समय जब आर्य मात्र गाय का पालन करते थे, तब पृथ्वी पर उन्हीं की सत्ता थी। इतिहास देखने से यह भी ज्ञात होता है कि लगभग साढ़े तीन हजार वर्ष पूर्व भारत में भैंस का आगमन हुआ और उसके दूध, घी के सेवन से भारतीयों के बुद्धि, बल, विवेक तथा शांति का विनाश होता चला गया। इसके बाद
जय गौ माता की 4 मार्च 2017 को गौ प्रतिष्ठा भारत यात्रा उड़ीसा में देश के 390 वे जिले गंजाम में पूज्य गुरुदेव गोपाल मणि जी महाराज ने जन जागरण के माध्यम से सेकड़ो लोगो को जाग्रत कर पूज्य गुरुदेव ने गौ भक्तो को 18 फ़रवरी 2018 गौ माता राष्ट्र माता का संकल्प दिलाया*
एक ऐसा आन्दोलन जो भारत के इतिहास में पहली बार हुआ था जब गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने हेतु ५ लाख से भी ज्यादा गौभक्तों ने दिल्ली में हुंकार भरी फिर भी सरकार की आँखे नही खुली , बिकाऊ भाड़ मिडिया आँखों पर पट्टी बांधकर बेठ गयी। इतनी बड़ी न्यूज़ की भनक तक ना पडने दी भाड़ मिडिया ने ।
अरे ऐ बिकाऊ मिडिया वालो इस बार 18 फरवरी 2018 को देख लेना .. ये लड़ाई आर या पार की होगी या तो हम नही रहेंगे या देश के गद्दार नही रहेंगे । और आखरी सांस तक हम लड़ते रहेंगे और गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाकर ही रहेंगे ।। @सुरेश क्रांति
देश के 375 जिल्लो में गौमाता का प्रचार करते हुए बस्तर पहुचे गौक्रांति अग्रदूत गोपाल मणिजी जी ने रविवार को चेंबर सभागार में धेनु मानस गोकथा कही । उन्होंने गाय को हिन्दुओ की आस्था का प्रतीक बताते हुए कहा कि सरकार गाय को माता नही मानती। वह आंदोलन की भाषा समझती है और हमे लोगो में जनजागरण करना है । गाय को आस्था की दृष्टि से देखा जाना चाहिए । गाय को बचाने के लिए देश में अलग से गौ मंत्रालय हो । और विधालयो में 10 साल तक के बच्चो को गाय का दूध देना अनिवार्य किया जाए । आखिल भारतीय गौ रक्षा द्वारा आयोजित गौ प्रतिष्ठा भारत यात्रा के तहत पूज्य गोपाल मणिजी का बस्तर 376 वा पड़ाव है । धेनुमानस गौ कथा के संद