Blog

गाय,गौमाता,असुरक्षित , मौत

जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने सर्किट हाउस में की बैठक-

केन्द्रीय जल मंत्री और झाँसी से सांसद उमा भारती ने सर्किट हाउस में बैठक करके बुंदेलखंड पैकेज के अतिरिक्त 400 करोड़ रूपये और देने की घोषणा की है। यह रुपया पूर्व और वर्तमान सांसद की समिति बनाकर उनकी मंशा के अनरूप खर्च किया जायेगा। जो कार्य पहले नही हुए उन्हें प्राथमिकता दी जायेगी,ऐसा जल मंत्री उमा भारती ने कहा है।

गाय, गौमाता, गौमूत्र , कैंसर , इलाज

नई दिल्ली। भारतीय वैज्ञानिकों ने कैंसर के इलाज में गोमूत्र के प्रभाव को साबित कर दिया है। कामधेनु अर्क से दवाओं का प्रभाव तो बढ़ेगा ही, शरीर की कैंसर से लडऩे की क्षमता भी बढ़ेगी। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) की प्रयोगशाला ने इसका अमरीकी पेटेंट कार्यालय से पेटेंट भी हासिल कर लिया है। 

योगदर्शन महर्षि पतंजलि की मनष्यों को बहुत बड़ी देन है जो मनुष्यों को मनुष्य बनाने का प्रमुख साधन है। योगदर्शन का उद्देश्य मनुष्यों को सुसंस्कारित कर उसे समाधि अवस्था तक पहुंचाना और ईश्वर का साक्षात्कार कराना है। समाधि में ही ईश्वर का साक्षात्कार सम्भव है वा होता है। समाधि में ईश्वर  साक्षात्कार से विवेक उत्पन्न होता है और यही मनुष्यों के जीवन से दुःखों की पूर्णतः निवृति कराकर ईश्वर के सान्निध्य में पहुंचाता है। इसके बाद मनुष्य जब तक जीवित रहता है जीवनमुक्त कहलाता है और मृत्यु होने के पश्चात अनादि जीवात्मा मोक्ष प्राप्त करता है जो दुःखों से सर्वथा रहित अतिशय सुख की अवस्था होती है। इस मोक्ष अव

गाय , गौवंस , भारत , राजनीती

गाय भारतीय संस्कृति से इस प्रकार जुड़ी हुई है कि भारतीय संस्कृति से उसे अलग नही किया जा सकता। यदि गौमाता को भारतीय संस्कृति से अलग करने का प्रयास किया गया तो इन दोनों में से एक ही हत्या हो जाना निश्चित है। संसार में प्रचलित ईसाइयत और इस्लाम की संस्कृतियों ने इस पशु को केवल एक पशु ही माना है। ऐसा पशु जो मानव के उपभोग के लिए बना है, और जिसे वह चाहे तो उसे मारकर भी खा ले।

पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय ने दूध में मिलावट पर गंभीर रूप से चिंता जताई। न्यायालय ने इस संबंध में कहा कि इस समस्या से मुकाबले के लिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक कानून में संशोधन कर इसे और दंडनीय तथा प्रभावी बनाए जाने की जरूरत है। अपने पूर्व के आदेशों का उल्लेख करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाले पीठ ने कहा कि सरकार इस कानून की बाबत राज्यों की तरफ से सुझाए गए प्रावधानों को अपनाए तो संबंधित समस्या के समाधान के लिए ठीक रहेगा। न्यायालय ने यह भी कहा कि चूंकि नवजात शिशुओं को दूध दिया जाता है, इसलिए इसका मिलावटयुक्त होना और भी घातक है।

Pages