वेदों में लिखा है कि गाय की हत्या करने वाले की जान ले लोः पाञ्चजन्य

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र पाञ्चजन्य में दादरी में बीफ खाने की अफवाह पर एक शख्स की पीटकर हत्या करने के मामले पर लेख छापा गया। इसमें इस घटना को सही बताया गया है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार मुखपत्र के नये अंक की कवर स्टोरी में इस मामले को लेकर एक लेख छापा गया है। इसमें लिखा गया है कि दादरी में इखलाक की हत्या वेद के अनुसार की गयी है। लेख में कहा गया है कि वेद उन ‘पापियों’ की हत्या के लिए प्रेरित करता है जो लोग गोवध करते हैं।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ‘इस उत्पात के उस पार’ हेडलाइन वाले इस लेख में आरोप लगाया गया है कि मुस्लिम नेता भारतीय मुसलमानों को देश की परंपरा से नफरत करना सिखाते हैं। इसमें कहा गया है, ‘इखलाक (दादरी में मारे गए पीड़ित) ने शायद इन्हीं बुरी नसीहतों के प्रभाव में आकर एक गाय को मारा होगा।’

इस मुद्दे पर लेखकों पर सवाल उठाते हुए पत्रिका में लिखा गया है कि वे इस मामले पर शांत क्यों रहें? लेख में कहा गया है कि वेद का आदेश है कि गोहत्या करने वाले के प्राण ले लो। हममें से बहुतों के लिए तो यह जीवन-मरण का प्रश्न है। इस लेख को हिंदी लेखक तुफैल चतुर्वेदी (विनय कृष्ण चतुर्वेदी) ने लिखा है। इसमें कहा गया है कि गोहत्या हमारे लिए इतनी बड़ी बात है कि सैकड़ों साल से हमारे पूर्वज इसे रोकने के लिए अपनी जान की बाजी लगा कर हत्या करने वालों से टकराते रहे हैं। इतिहास में सैकड़ों बार ऐसे मौके आए हैं, जब मुस्लिम आक्रमणकारियों ने हिंदुओं को मुसलमान बनाने के लिए उनके मुंह में बीफ ठूंसा है।

लेख में हिंदुओं के लिए गाय की अहमियत पर कहा गया है कि 1857 में पहली क्रांति उस वक्त हुई, जब अंग्रेजों ने भारतीय सैनिकों को गोमांस के फैट वाली कारतूसों को दांत से काटने के लिए कहा था। उधर, लेख पर प्रतिक्रिया देते हुए आरएसएस के विचारक राकेश सिन्हा ने कहा कि पांचजन्य में एक लेखक की ‘दिग्‍भ्रमित’ राय को संघ की राय बताना गलत है। उन्होंने कहा कि यह लेखक की निजी राय है।